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Muhavre Kise Kahate Hain Udaharan Sahit Likhiye | मुहावरा किसे कहते हैं | मुहावरा इन हिंदी | हिंदी में मुहावरा | मुहावरा इन हिंदी 50 | लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर
मुहावरों का प्रयोग आमतौर पर हम बोलचाल की भाषा में करते या रहे है, ये भाषा की खूबसूरती को बढ़ाने के साथ जिज्ञासा को पैदा करते है।
Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, मुहावरों के बारे में ये क्या होते है? मुहावरों का क्या महत्व होता है? तथा आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग होने वाले कुछ मुहावरों के बारे में बात करेंगे, मुझे उम्मीद है इससे आपको कुछ न कुछ सीखने को अवश्य मिलेगा।
मुहावरा किसे कहते हैं? (Muhavre Kise Kahate Hain) –
अक्सर आम बोलचाल की भाषा में हमें कुछ ऐसे शब्द भी सुनने को मिलते है, जिनका कोई विशेष अर्थ किसी दूसरे परिक्षेप्य में निकलता है, हिन्दी भाषा में प्रयोग होने वाले ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहते है, मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ अभ्यास करना होता है, इसे ‘वाग्धारा’ भी कहा जाता है।
दूसरे अर्थों में कहें तो –हिंदी में ऐसे वाक्यांश जो अपना साधारण अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं उन्हें “मुहावरा” कहते हैं।
किसी बात को संक्षेप में या कलात्मक रूप में कहने के लिए ही मुहावरे का प्रयोग किया जाता है, इसी की आवश्यकता की पूर्ति के मुहावरे का प्रयोग होना शुरू हुआ।
मुहावरे का प्रयोग किसी भी भाषा के प्रयोग में बोलते या लिपि में लिखते समय अधिक आकर्षक सजीव और कलात्मक बनाया जा सकता है, साधारण रूप में कहें तो यह भाषा को अधिक रुचिकर और प्रयोग करने में आसान बनाता है।
मुहावरों की विशेषताएं –
1. मुहावरे का प्रयोग वाक्य में वाक्य के प्रसंग में किया जाता है अलग प्रयोग नहीं होता और मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार ही निश्चित होता है।
2. मुहावरे अपना असली रूप कभी नहीं बदलते है, साथ ही उसे पर्यायवाची शब्दों में अनुवादित नहीं किया जा सकता है।
3. मुहावरे का शब्दार्थ ग्रहण नहीं किया जाता है उसके केवल विशेष अर्थ को ही प्रयोग में लाया जाता है।
4. कोई भी समाज भाषा के क्षेत्र में जितना अधिक व्यवहारिक और कर्मठ होगा भाषा में मुहावरे का प्रयोग उतना ही अधिक होगा।
यही कारण है कि मुहावरे भाषा की समृद्धि और सभ्यता के मापक है, बोलते या लिखते समय भाषा में इनके प्रयोग की अधिकता अथवा न्यूनता से, भाषा निर्माण, मन की शक्ति, अध्ययन और मनन इन सबके बारे में जानकारी मिलती है।
5. देश समाज तथा समय के साथ मुहावरे भी बनते और बिगड़ते जाते है, समय के साथ तथा नए समाज के साथ नए मुहावरे भी प्रयोग में आते रहते है।
6. अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि हिंदी भाषा के ज्यादातर मुहावरों का सम्बन्ध हमारे शरीर के अंगों से भी होता है, यह दूसरी भाषा के मुहावरों में भी ऐसा ही होता है।
लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर –
“लोकोक्ति” शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘लोक’ + ‘उक्ति’, अर्थात् किसी क्षेत्र-विशेष में कही हुई बात।
भाषा के सौन्दर्य के बढ़ाने के लिए जिस प्रकार से मुहावरों का प्रयोग होता है उसी प्रकार कहावतों (लोकोक्तियों) का भी प्रयोग होता है, मुहावरे और कहावत दोनों लगभग एक जैसे होते है लेकिन प्रयोग की दृष्टि से उनमें कुछ भेद होते है।
लोकोक्ति किसी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है। समाज के प्रबुद्ध साहित्यकारों, कवियों आदि द्वारा जब किसी प्रकार के लोक-अनुभवों को एक ही वाक्य में व्यक्त कर दिया जाता है तो उनको प्रयुक्त करना सुगम हो जाता है।
इसके अन्तर्गत किसी कवि की प्रसिद्ध उक्ति भी आ जाती है। ये वाक्य अथवा लोकोक्तियाँ (कहावतें, सूक्ति) गद्य एवं पद्य दोनों में ही देखने को मिलते हैं।
वे स्वतंत्र वाक्य जो किसी प्रसंग में विशेष बात कहने के लिए बोले जाते है, लोकोक्ति कहलाते है, इन्हें ही कहावत कहते है।
लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग करने के फायदे –
1. बोलने वाले व्यक्ति का आशय कम से कम शब्दों में भी हो जाता है, भावार्थ के कारण श्रोता को समझने में भी कठिनाई नहीं होती है।
2. लोकोक्तियों और मुहावरों प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों को आसानी से दूसरों के सामने प्रकट किया जा सकता है।
3. लोकोक्तियों और मुहावरों यह भाषा को भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावशाली बनाते है।
4. इससे भाषा की व्यंजना शक्ति का विकास होता है।
5. ये इतने सटीक होते है कि सही तरीके से प्रयोग करने पर कभी-कभी तो मात्र मुहावरे अथवा लोकोक्तियों के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य भी सिद्ध हो जाता है।
आमतौर पर प्रयोग होने वाले मुहावरे –
1. गागर में सागर भरना – थोड़े शब्दों में अधिक कहना = कवि बिहारी के दोहों में गागर में सागर भरा है।
2. गला भर आना – दुःखी होना = पुत्री को दुखी देखकर माता-पिता का गला भर आया।
3. खून खौलना – क्रोध में आ जाना = अपने दुश्मन को देखकर राम का खून खौलने लगा।
4. कोल्हू का बैल – अत्यन्त परिश्रम करने वाला = इस युग में कर्मचारी कोल्हू का बैल है।
5. कलेजे पर साँप लोटना – ईयों से जलना = उसकी पदोन्नति सुनकर तुम्हारे कलेजे पर साँप क्यों लोट गए?
6. ऊँट के मुंह में जीरा – थोड़ी मात्रा में कोई वस्तु मिलना = बहुत बड़ी योजना के लिए दो हजार रुपए तो ऊँट के मुँह में जीरा हैं।
7. उल्टी गंगा बहाना – उल्टा कार्य करना = पुत्र द्वारा पिता को आज्ञा देना उल्टी गंगा बहाना है।
8. दाँत खट्टे करना – दुश्मन को हराना = आजाद हिन्द फौजों ने अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए।
9. तूती बोलना – धाक जमना = सन् 1984 के चुनाव के पश्चात् विकास कार्यों में भारत की तूती बोल रही है।
10. टेढ़ी खीर होना – मुश्किल होना = बिना परिश्रम के परीक्षा उत्तीर्ण करना जरा टेढ़ी खीर है।
11. जान पर खेलना – वीरतापूर्वक मरना = भारत-चीन के युद्ध में अनेकों सैनिक जान पर खेल गए।
12. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना = अच्छे आदमियों को अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।
13. अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वावलम्बी होना = युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए।
14. अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना – अपना ही अहित करना = मेरे सुझाव के अनुसार कार्य नहीं करोगे तो अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारोगे।।
15. अक्ल का दुश्मन – मूर्ख होना = मोहन तुम क्यों नहीं मेरी बात मानते हो, लगता है आजकल अक्ल के दुश्मन हो गए हो।
16. अपना उल्लू सीधा करना – मतलब निकालना = आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही छात्रों को भड़काते हैं।
17. अक्ल के घोड़े दौड़ाना – दूर तक सोचना = अक्ल के घोड़े दौड़ाओ, हो सकता है पहली तुम्हारी समझ में आ जाए।
18. आसमान टूट पड़ना – अत्यधिक संकट में पड़ना = पिता की मृत्यु से मेरे परिवार पर आसमान टूट पड़ा।
19. आकाश के तारे तोड़ना – बहुत कठिन कार्य करना = बाजार से सब्जी लाकर इस तरह गुस्सा दिखा रहे हो मानो आकाश से तारे तोड़कर लाए हो।
20. आस्तीन का साँप होना – मित्र होकर शत्रुता करना = राम ने तुमको अपने यहाँ पाला-पोसा और बड़ा किया, पर तुम तो आस्तीन के साँप ही निकले।
21. आड़े हाथों लेना – खरी-खोटी सुनाना = विलम्ब से आने के कारण रामू की मालकिन ने उसे आड़े हाथों लिया।
22. आँखों का तारा – बहुत प्यारा होना = बालक अपनी माँ-बाप की आँखों का तारा होता है।
23. आंखें दिखाना – धमकाना (डराना) = बालक आँख दिखाते हो ठीक काम करने लगते हैं।
24. आंखों में धूल झोंकना – धोखा देना = श्यामू ने बड़े-बड़े लोगों की आँखों में धूल झोक दी है।
25. आँखें पथरा जाना – प्रतीक्षा करते-करते थक जाना = मेरी तो आँखें ही पथरा गर्यो मगर तुम नजर न आए।
26. आँखों के आगे अंधेरा छा जाना – कुछ न सूझना = समाचार पत्र में राम ने जैसे ही अपने घर में चोरी का समाचार पढ़ा उसकी आँखें के सामने अंधेरा छा गया।
27. ईद का चाँद होना – बहुत दिन बाद दिखाई देना = आओ भाई रहीम तुम तो ईद का चाँद हो गए।
28. चिकना घड़ा होना – निर्लज्ज होना = तुम पर कोई असर नहीं होता, निरे चिकने पड़े हो।
29. चिराग तले अंधेरा होना – पास की वस्तु न दिखना = कोतवाली के सामने की दुकान में चोरी हो जाने पर लोगों ने कहा, चिराग तले अंधेरा।
30. छक्के छुड़ाना – पराजित करना = भारतीय सेना ने युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए।
31. छिन्न-भिन्न होना – बिखर जाना = सूर्य के आते ही बादल छिन्न-भिन्न हो गए।
32. दाँत पीसना – क्रोधित होना = नौकर से कोई गलती हुई कि पिताजी ने दाँत पीसना शुरू कर दिया।
33. मुँह में पानी भर आना – जी ललचाना = रसगुल्ले देखकर मोहन के मुँह में पानी भर आया।
34. लोहे के चने चबाना – अत्यन्त कठिन कार्य करना = देश को स्वतंत्र कराने में देशभक्तों को लोहे के चने चबाने पड़े।
35. रंग में भंग होना – खुशी में खलल पड़ना = पुलिस के प्रवेश करते ही होली की पार्टी के रंग में भंग हो गया।
36. पीठ दिखाना – हार मानना = सन् 1965 के युद्ध में पाक सेना पीठ दिखा कर भाग खड़ी हुई।
37. दूध का दूध और पानी का पानी – ठीक-ठीक न्याय करना = छात्रों के बीच कगल रहे झगड़े को सुलझाकर अध्यापक ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।
38. नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना = पुलिस को देखते हो चोर नौ दो ग्यारह हो गए।
39. फूला न समाना – बहुत प्रसन्न होना = प्रथम श्रेणी आ जाने से नौरज फूला नहीं समा रहा है।
40. पत्थर की लकीर – पक्की बात (अटल बात) = महाराजा हरिश्चन्द्र की प्रत्येक बात पत्थर की लकीर थी।
41. लकीर का फकीर होना – पुरानी प्रथा पर चलना = भारत के अधिकांश व्यक्ति लकीर के फकीर हैं।
42. लोहा लेना – मुकाबला करना = भारतीय वीर जवानों ने पाक शत्रुओं से अनेक बार लोहा लिया है।
43. सिर मुंडाते ही ओले पड़ना – प्रारंभ में ही कठिनाई आना = रमेश ने कल ही अपनी नई दुकान खोली थी, आज उसमें चोरी हो गई, उसके तो सिर मुंडाते ही ओले पड़ गए।
44. सफेद झूठ – शत-प्रतिशत झूठ = यह सफेद झूठ है कि मैं कुछ छिपा रहा हूँ।
45. सिर पीटना – शोक में रोना = सिर पीटने से क्या फायदा, जो हुआ सो हुआ।
46. हाथ-पाँव फूल जाना – भय और शोक से घबरा जाना = हथियार लिए लुटेरों को देखकर मेरे तो हाथ-पाँव ही फूल गए।
47. पीठ दिखाना – हार मानना = सन् 1965 के युद्ध में पाक सेना पीठ दिखा कर भाग खड़ी हुई।
48. पापड़ बेलना – कष्ट से जीवन बिताना = गुरुजनों की बात न मानने के कारण ही उसे अब तक पापड़ बेलने पड़ रहे हैं।
49. तिल का ताड़ बनाना – छोटी बातों को बढ़ा देना = मैं समझ रहा हूँ कि तुम तिल का ताड़ बनाकर झगड़ा कर रहे हो।
50. दिन में तारे दिखाना – किसी को इतना सताना कि वह घबरा जाए = यदि कोई बिना कारण हमें छेड़ेगा तो हम भी उसे दिन में तारे दिखा देंगे।
51. नमक मिर्च मिलाना – बात को बढ़ा चढ़ाकर कहना = विवेक को किसी भी बात में नमक मिर्च लगाकर कहने की आदत है।
52. नाक में दम करना – परेशान करना = तुमने नाक में दम कर दिया है। पहले तुम्हारा काम करके तुमसे पिण्ड छुड़ा लें।
53. नाक पर गुस्सा – जल्द क्रोध में आना = शान्त रहो, गुस्सा तो तुम्हारी नाक पर है।
54. अंगूठा दिखाना – इंकार करना = रमेश ने मुझे रुपए देने का वादा किया था लेकिन समय पड़ने पर अंगूठा दिखा दिया।
55. अन्धे की लकड़ी – एकमात्र सहारा = श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए अन्धे की लकड़ी थे।
56. अंगारे उगलना – अधिक क्रोध करना = मुझ पर अंगारे क्यों उगलते हो, मैंने आपका क्या बिगाड़ा है?
57. अक्ल पर पत्थर पड़ना – समझ जाती रहना = गुरु जी का कहना न मानकर मैंने अच्छा नहीं किया, उस समय मेरी अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे।
58. घी के दिए जलाना – खुशियाँ मनाना = रामचन्द्र जी के वन से लौटने पर अयोध्या में घी के दीपक जलाए गए।
59. घाव पर नमक छिड़कना – अधिक कष्ट पहुँचाना = बीमार व्यक्ति को जली-कटी सुनाना घाव पर नमक छिड़कने के समान है।
60. गड़े मुर्दे उखाड़ना – पुरानी बातें दोहराना = मेरे सामने गड़े मुर्दे उखाड़ने से कोई लाभ नहीं होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –
मुहावरा से क्या समझते हैं?
हिंदी में ऐसे वाक्यांश जो अपना साधारण अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं उन्हें “मुहावरा” कहते हैं, मुहावरे का प्रयोग किसी भी भाषा के प्रयोग को अधिक आकर्षक सजीव और कलात्मक बनाया जा सकता है
मुहावरा किस भाषा का शब्द है?
“मुहावरा” अरबी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ “अभ्यास करना” होता है।
मुहावरे की क्या विशेषताएँ हैं?
मुहावरे का प्रयोग वाक्य में वाक्य के प्रसंग में किया जाता है, . बोलने वाले व्यक्ति का आशय कम से कम शब्दों में भी हो जाता है, इससे भाषा की व्यंजना शक्ति का विकास होता है, इत्यादि।
मुहावरे का प्रयोग क्यों करते हैं?
बोलने वाले व्यक्ति का आशय कम से कम शब्दों में भी हो जाता है, भाषा का विकास होता है, समाज की भाषा शैली को दिखाता है, इत्यादि।
लोकोक्ति और मुहावरे में प्रमुख अंतर क्या है?
लोकोक्ति किसी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है, इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है, मुहावरे का प्रयोग वाक्य में वाक्य के प्रसंग में किया जाता है और इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं होता है।
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Summary –
दोस्तों, मुहावरा किसे कहते हैं (Muhavre Kise Kahate Hain) इसके बारे में यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से, यदि आपके पास इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे भी लिखना न भूलें, धन्यवाद 🙂
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