Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain ᐈ विशेषण क्या है? इसके भेद

Table of Contents

Whatsapp Channel
Telegram channel

Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain | विशेषण के कितने भेद होते है? | विशेषण क्या है? विशेषण के बारे में पूरी जानकारी

हिंदी व्याकरण में विशेषण का एक विशेष महत्व है, बिना इसके शब्दों स्वरूप को समझना एक कठिन काम है, जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह किसी चीज की विशेषता बताने के लिए प्रयुक्त होता है।

Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, विशेषण किसे कहते है, इसके प्रकार (Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain) तथा इससे जुड़ी अन्य चीजों के बारे में, उम्मीद करता हूँ आपको यह पसंद आएगा।

Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain
Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain

विशेषण किसे कहते है? –

वह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता के बारे में बताए, उसे ‘विशेषण’ कहा जाता हैं, तथा जिस शब्द की विशेषता बताई जाती है, उसे ‘विशेष्य’ कहते है।

दूसरे शब्दों में कहें तो विशेषण एक ऐसा विकारी शब्द है, जो हर हालत में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है।

अगर इसे ध्यान से देखा जाए तो विशेषण रहित संज्ञा से जिस वस्तु का बोध होता है, वह उसके विस्तृत रूप में होता है लेकिन विशेषण लगने पर उसका अर्थ सीमित हो जाता है।

जैसे- ‘घोड़ा’ संज्ञा से घोड़ा जाति के सभी प्राणियों का बोध होता है, पर ‘सफेद घोड़ा’ कहने से केवल सफेद घोड़े का बोध होता है, सभी तरह के घोड़ों का नहीं।

यहाँ ‘सफेद’ विशेषण के प्रयोग से ‘घोड़ा’ संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित (सीमित) और सटीक हो गई है।

कुछ वैयाकरणों ने विशेषण को संज्ञा का एक उपभेद माना है, क्योंकि विशेषण भी वस्तु का परोक्ष नाम है, लेकिन, ऐसा मानना ठीक नहीं, क्योंकि विशेषण का उपयोग संज्ञा के बिना नहीं हो सकता।

Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain –

गुण संख्या और परिमाण के आधार पर विशेषण का वर्गीकरण कुछ इस प्रकार किया गया है –

Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain
Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain

सार्वनामिक विशेषण –

पुरुषवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम (जैसे – मैं, तू, वह) के अतिरिक्त अन्य सर्वनाम जब किसी संज्ञा के पहले आते हैं, तब वे ‘सार्वनामिक विशेषण’ कहलाते हैं।

जैसे- वह ड्राइवर नहीं आया, यह बैट अच्छा है। यहाँ ‘ड्राइवर’ और ‘बैट’ संज्ञाओं के पहले विशेषण के रूप में ‘वह’ और ‘यह’ सर्वनाम आए हैं, अतः ये सार्वनामिक विशेषण है।

इनकी उत्पत्ति के आधार पर सार्वनामिक विशेषण के दो भेद होते हैं –

(1) मौलिक सार्वनामिक विशेषण – जो बिना रूपांतर के संज्ञा के पहले आता है; जैसे—यह पेड़, वह लोग, कोई नौकर इत्यादि।

(२) यौगिक सार्वनामिक विशेषण – जो मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनते हैं, जैसे- ऐसा व्यक्ति, कैसा घर, जैसा देश इत्यादि ।

गुणवाचक विशेषण –

वाक्य में जिस शब्द से संज्ञा का गुण, दशा, स्वभाव आदि प्रदर्शित हो, उसे ‘गुणवाचक विशेषण’ कहते हैं।

विशेषणों में गुणवाचक विशेषण की संख्या सबसे अधिक है, इनके कुछ मुख्य रूप निम्नलिखित हैं –

काल- प्राचीन, भूत, वर्तमान, भविष्य, नया पुराना, ताजा, अगला, पिछला, मौसमी, आगामी, टिकाऊ इत्यादि।

स्थान- स्थानीय, देशीय, क्षेत्रीय, उजाड़, चौरस, भीतरी, बाहरी, ऊपरी, सतही, पूरबी, पछियाँ, दायाँ बायाँ, असमी, पंजाबी, अमेरिकी, भारतीय इत्यादि।

आकार – गोल, चौकोर, लंबा, चौड़ा, सुडौल, समान, पीला, सुंदर, नुकीला, सीधा, तिरछा, आड़ा इत्यादि।

रंग- नीला, हरा, सफेद, काला, लाल, पीला, बैंगनी, चमकीला, धुंधला, फीका, सुनहरा इत्यादि।

दशा- मोटा, भारी, पिचका, दुबला, पतला, गावा, गीला, सूखा, घना, गरीब, उद्यमी, पालतू, रोगी, स्वस्थ्य इत्यादि।

गुण- सच्चा, झूठा, पापी, भला, बुरा, उचित, अनुचित, दानी, न्यायी, दुष्ट, सीधा, शांत, चंचल इत्यादि।

द्रष्टव्य – गुणवाचक विशेषणों में ‘सा’ सादृश्यवाचक पद जोड़कर उसके गुणों को कम भी किया जाता है, जैसे—बड़ा-सा, ऊँची-सी, पीला-सा, छोटी-सी इत्यादि।

संख्यावाचक विशेषण –

जिन शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का पता चलता हो, उसे ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहते हैं, जैसे – चार पेड़, चालीस दिन, कुछ लोग, सब लड़के, सभी अध्यापक, इत्यादि, यहाँ चार, चालीस, कुछ, सब और सभी संख्यावाचक विशेषण है।

संख्यावाचक विशेषण के मुख्य तीन भेद हैं- 1. निश्चित संख्यावाचक, 2. अनिश्चित संख्यावाचक, 3. परिमाणबोधक।

निश्चित संख्यावाचक – निश्चित संख्यावाचक विशेषण से वस्तु की निश्चित संख्या का बोध होता है; जैसे—एक लड़का, पचीस रुपये आदि।

प्रयोग के अनुसार निश्चित संख्यावाचक विशेषण के निम्नांकित प्रकार हैं –

  1. गणनावाचक विशेषण – एक, दो, तीन
  2. क्रमवाचक विशेषण – पहला, दूसरा, तीसरा
  3. आवृत्तिवाचक विशेषण – दूना, तिगुना, चौगुना
  4. समुदायवाचक विशेषण – दोनों, तीनो, चारों
  5. प्रत्येकबोधक विशेषण – प्रत्येक, हर-एक, दो-दो, सवा-सवा

गणनावाचक विशेषण के भी दो भेद हैं- (1) पूर्णांकबोधक विशेषण जैसे-एक, दो, चार, सौ, हजार तथा (२) अपूर्णांकबोधक विशेषण

जैसे – पाव, आध, पौन, सवा पूर्णाकबोधक विशेषण शब्दों में लिखे जाते हैं या अंकों में बड़ी-बड़ी निश्चित संख्याएँ अंकों में और छोटी-छोटी तथा बड़ी-बड़ी अनिश्चित संख्याएँ शब्दों में लिखनी चाहिए।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण में वस्तु की संख्या अनिश्चित रहती है; जैसे—कुछ लोग, सब लोग।

परिमाणबोधक विशेषण – संख्यावाचक विशेषण का एक मुख्य भेद परिमाणबोधक है। यह किसी वस्तु की नाप या तौल का बोध कराता है; जैसे- -सेर भर दूध, तोला भर सोना, थोड़ा पानी, कुछ सब धन, और घी लाओ इत्यादि। यहाँ भी निश्चय और अनिश्चय के आधार पर परिमाणबोधक विशेषण के दो भेद किए गए है

1. निश्चित परिमाणबोधक विशेषण – दो सेर घी, दस हाथ जगह, चार गज मलमल
2. अनिश्चित परिमाणवोधक विशेषण – बहुत दूध, सव धन, पूरा आनंद इत्यादि

प्रविशेषण (Pravisheshan) –

हिंदी में कुछ विशेषणों के भी विशेषण होते हैं, इन्हें ‘प्रविशेषण’ कहा जाता हैं, इसके गुणों को देखकर पं. कामताप्रसाद गुरु ने इसे ‘अंतर्विशेषण’ भी कहा है।

उदाहरण के तौर पर – ‘राम बहुत तेज विद्यार्थी है, इस वाक्य में ‘तेज’ विशेषण है और उसका भी विशेषण है ‘बहुत’।

निम्नलिखित वाक्यों में मोटे वाले अक्षरों में लिखे गए शब्द प्रविशेषण है –

संजना अत्यंत सुंदर है।

कश्मीरी सेव बहुत स्वादिष्ट होता है।

विशेष्य और विशेषण में संबंध –

किसी भी वाक्य में विशेषण का प्रयोग दो तरह से होता है, कभी विशेषण, विशेष्य के पहले प्रयुक्त होता है तो कभी विशेष्य के बाद।

अतः यह कहा जा सकता है कि प्रयोग की दृष्टि से विशेषण के दो भेद है- विशेष्य-विशेषण और विधेय-विशेषण।

1. जो विशेष्य के पूर्व आए वह विशेष्य-विशेषण होता है, जैसे –

सुमित चंचल बालक है।
सुमित्रा सुंदर कन्या है।

इन वाक्यों में ‘चंचल’ और ‘सुंदर’ क्रमशः बालक और कन्या के विशेषण है, अतः ये दोनों विशेष्य-विशेषण है।

2. जो विशेषण विशेष्य और क्रिया के बीच आते है, उसे विधेय-विशेषण कहते हैं।

मेरा कुत्ता भूरा है।
मेरा लड़का आलसी है।

इनमें ‘भूरा’ और ‘आलसी’ विशेषण है, जो क्रमशः ‘कुत्ता’ और ‘लड़का’ के बाद प्रयुक्त हुए हैं इसलिए ये दोनों विधेय-विशेषण है।

विशेष्य और विशेषण में संबंध को समझने के लिए ध्यान देने वाली बातें –

1. विशेषण के लिंग, वचन आदि विशेष्य के लिंग, वचन आदि के अनुरूप ही प्रयुक्त होते हैं, चाहे विशेषण विशेष्य के पहले आए या बाद में।

जैसे – बच्चे खेलते है। अच्छे लड़के पढ़ते हैं। सुमित्रा भोली लड़की है।

2. यदि एक ही विशेषण के अनेक विशेष्य मौजूद हो, तो विशेषण के लिंग और वचन समीप वाले विशेष्य के लिंग, वचन के अनुसार प्रयोग किए जाते है ।

जैसे – ताजी मिठाई और नमकीन। नये पुरुष और नारियाँ। नयी धोती और कुरता। काला घोडा और हाथी।

विशेषणों की रचना –

जब भी वाक्य में विशेषण का प्रयोग होता है तो विशेषण के रूप निम्नलिखित स्थितियों के अनुसार परिवर्तित होते हैं –

1. रूप-रचना की दृष्टि से विशेषण विकारी और अविकारी दोनों होते है, अविकारी विशेषण अपने मूल रूप में बने रहते हैं, इनमें कोई भी परिवर्तन नहीं किया जाता है।

जैसे – सुंदर, लाल, चंचल, गोल, भारी, सुडौल, वजन, हल्का इत्यादि।

2. कुछ विशेषण का निर्माण, संज्ञा में प्रत्यय लगाकर बनाते है, जैसे –

प्रत्ययसंज्ञाविशेषण
इक धर्म धार्मिक
ईय क्षेत्र क्षेत्रीय
वानबल बलवान
पान पानी
ईला जोश जोशीला
मानजज जजमान
Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain

3. दो या अधिक शब्दों के मिलने से भी विशेषण का निर्माण होता है, जैसे – चलता-फिरता, छोटा-बड़ा, अच्छा-बुरा, छोटा-मोटा इत्यादि।

4. आकारांत विशेषण लिंग, वचन और कारक के अनुसार बदलकर ‘ए’ या ‘ई’ रूप में बदल जाते हैं। जैसे –

———-पुल्लिंगस्त्रीलिंग
एकवचन बड़ा, ऐसा, काला बड़ी, ऐसी, काली
बहुवचन बड़े, ऐसे, काले बड़ी, ऐसी, काली

5. सार्वनामिक विशेषण भी वाक्य में प्रयोग हुए वचन और कारक के अनुसार उसी तरह रूपांतरित होते है जिस तरह सर्वनाम रूपांतरित होता है।

एकवचन बहुवचन
वह बालक वे बालक
उस लड़के का उन लड़कों का

6. जब किसी वाक्य में संज्ञा का अभाव रहता है और विशेषण संज्ञा का काम करता है, तब उसका रूपांतर विशेषण के ढंग से नहीं बल्कि संज्ञा के अनुसार होता है।

सामान्य तौर पर विशेषण के साथ परसर्ग नहीं लगता, विशेष्य के साथ इसका प्रयोग किया जाता है, लेकिन संज्ञा बन जाने पर विशेषण पद के साथ परसर्ग लगाया जाता है।

जैसे – उन्होंने सबकुछ कर दिखाया। बड़ों की बात माननी चाहिए। उसने सुंदरी से पूछा। विद्वानों का आदर करना चाहिए। छोटी खुशियां बड़ा सुख देती है।

Summary –

तो दोस्तों, विशेषण किसे कहते है और इसके भेद (Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain) के बारे में यह आर्टिकल कैसा लगा हमें जरूर बताएं, यदि आपके पास इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो उसे भी लिखना न भूलें।

Leave a Comment