Tribhuj Kya Hai | त्रिभुज क्या होता है | Tribhuj Ka Parimap | त्रिभुज का परिमाप | त्रिभुज की परिभाषा
चाहे बोर्ड एग्जाम हो या कॉम्पिपिटिव एग्जाम हो सभी में त्रिभुज से जुड़े सवाल अक्सर पूछे जाते है, यह आसानी से याद किया जाने वाला चैप्टर है।
Hello Friends, स्वागत है आपका हमारेब लोग पर, इस लेख में हम त्रिभुज के बारे में बात करेंगे तथा उससे जुड़े सभी प्रकारों और उनसे जुड़े महत्वपूर्ण सूत्रों के बारे में भी बात करेंगे।
त्रिभुज किसे कहते है? (Tribhuj Kya Hai) –
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है यदि हम ध्यान से देखें तो त्रिभुज, “त्रि” और “भुज” दो शब्दों से मिलकर बना है, जहां त्रि का मतलब होता है तीन और भुज का अर्थ होता है भुजा यानि तीन भुजाओं से बनी हुई कोई आकृति, अगर इसको परिभाषित करें तो कुछ इस प्रकार से लिखा जा सकता है –
तीन ओर से घिरी हुई आकृति को ही त्रिभुज कहते है, दूसरे शब्दों में यदि तीन भुजायें एक दूसरे के किनारों को छूती हुई तीन कोण बनती है तो उसे त्रिभुज कहा जाता है, तथा जिस बिन्दु पर ये कोण बनते है उसे शीर्ष बिन्दु कहते है।
अंग्रेजी में त्रिभुज को “ट्रायंगल” (Triengle) कहते है, त्रिभुज के आंतरिक कोणों का योगफल 180 डिग्री होता है तथा त्रिभुज की भुजायें और कोण आपस में एक दूसरे से संबंधित होते है।
भुजाओं के आकार के आधार पर त्रिभुज तीन प्रकार के होते है – समबाहु त्रिभुज, समद्विबाहु त्रिभुज और विषम बाहु त्रिभुज
और कोणों के आधार पर भी त्रिभुज तीन प्रकार के गोते है – न्यूनकोण त्रिभुज, समकोण त्रिभुज, अधिककोण त्रिभुज
त्रिभुज का परिमाप (Tribhuj ka parimap) –
परिमाप को परिधि भी कहा जाता है, किसी भी आकृति के चारों ओर बाह्य तल की लंबाई को ही परिधि कहते है, सभी प्रकार की आकृतियों का परिमाप उसकी सीमा रेखाओं की लंबाई का योग होता है।
त्रिभुज एक बहुभुज आकृति है, त्रिभुज का परिमाप उसकी तीनों भुजाओं का योग होता है।
त्रिभुज का परिमाप सभी प्रकार के त्रिभुजों में निकालने का बहुत ही आसान तरीका है कि उसकी सभी भुजाओ को आपस में जोड़ दें तो उस त्रिभुज की परिधि हमें मिल जाती है।
नीचे दिए गए त्रिभुज के इस चित्र में उसकी तीन भुजाये A, B तथा C, उसकी सीमा रेखायें है, अतः इस त्रिभुज ABC का परिमाप –
त्रिभुज ABC का परिमाप = AB+BC+CA
सभी प्रकार के त्रिभुज, चाहे वो कोई सा भी हो, उन सभी का परिमाप इसी सूत्र से ज्ञात किया जाता है।
समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) –
जब किसी त्रिभुज की तीनों भुजायें एक समान होती है तो उसे समबाहु त्रिभुज कहते है, समबाहु त्रिभुज के तीनों अंत कोण भी समान होते है, जिनमें प्रत्येक कोण का मान 60 होता है।
इसे हम कुछ इस तरह भी कह सकते है कि यदि किसी त्रिभुज की तीनों भुजायें समान होती है तो उसके तीनों कोण भी एक समान होते है।
समबाहु में “सम” का अर्थ होता है “समान” और “बाहु” का मतलब होता है “भुजा” और इसका संयुक्त रूप से मतलब होता है ‘एक समान भुजा’।
समबाहु त्रिभुज में किसी भी शीर्ष से सम्मुख भुजा पर डाला गया लम्ब समबाहु त्रिभुज की ऊंचाई होती है और यह लम्ब सम्मुख भुजा को उसके मध्यबिंदु पर काटता है।
समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल –
समबाहु त्रिभुज के द्वारा घेरे गए क्षेत्र की गणना करने के लिए ऊपर इस चित्र को देखें, चित्र में निचे दिया गया त्रिभुज एक समबाहु त्रिभुज है जिसकी 3 भुजाएँ समान लम्बाई a की है और प्रत्येक कोण 60 डिग्री का है, एक लम्बवत दंड रेखा BP खींची गई है जो आधार AC को दो बराबर भागो में बाँटती है।
तो ∆ ABC में, पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार – (BP)2 = (BC)2 – (PC)2
(BP)2 = (a)2_ (a/2)2
(BP)2 = a2– a2 / 4
(BP)2 = 3/4 a2
BP = √3/2×a
समबाहु त्रिभुज की ऊंचाई (BP) = √3/2×a
∆ ABC का छेत्रफल = 1/2 x आधार x ऊंचाई ———– (सूत्र के अनुसार)
∆ABC का छेत्रफल = 1/2 × a/2 × √3/2×a
∆ ABC का छेत्रफल = √3/4 a2
समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल सूत्र = √3/4 (भुजा)2
समबाहु त्रिभुज की विशेषताएं –
- समबाहु त्रिभुज की सभी भुजाओ का मान समान होने के कारण किसी एक भुजा के माप को ज्ञात करने के लिए इसके परिमाप में तीन से गुणा करके ज्ञात किया जा सकता है।
- समबाहु त्रिभुज के प्रत्येक भुजा, समान लम्बाई की होती है।
- इसके प्रत्येक अंत कोण का मान 60० होता है।
- समबाहु त्रिभुज के तीनो अंत कोंणो का योग 180 डिग्री होता है।
- समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3 x भुजा
- समबाहु त्रिभुज के क्षेत्रफल का सूत्र = √3/4 (भुजा)2
समबाहु त्रिभुज के सभी सूत्र –
समबाहु त्रिभुज का कुल क्षेत्रफल – क्षेत्रफल = √ (3)/4 x भुजा
समबाहु त्रिभुज की भुजा के लंबाई – भुजा = 2/√ (3) x ऊंचाई
समबाहु त्रिभुज की ऊंचाई – ऊंचाई = √(3)/2 x भुजा
समबाहु त्रिभुज की माधियका – माधियका = √ (3)/2 x भुजा
समद्विबाहु त्रिभुज (Isisceles Triangle) –
जब किसी त्रिभुज की कोई दो भुजायें आपस में बराबर हो तो उसे समद्विबाहु त्रिभुज कहते है, समद्विबाहु में “सम” का अर्थ है “समान”, “द्वि” का अर्थ है “दो” और “बाहु” का अर्थ है “भुजा”, यानि दो बराबर भुजाओं वाला त्रिभुज।
समद्विबाहु त्रिभुज में दो समान भुजाओं के मिलान बिंदु से सम्मुख भुजा पर डाला गया लम्ब उस भुजा को दो बराबर भागों में बांटता है, लेकिन बाकी के दो अन्य शीर्षों से सम्मुख भुजा पर लम्ब डालने पर वह बराबर भागों में नहीं बांटता है।
समद्विबाहु त्रिभुज से जुड़ी सारी गणनाएं (लम्ब, कर्ण, आधार आदि।) हम पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करके निकाल सकते हैं।
समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × ऊंचाई
समद्विबाहु त्रिभुज की विशेषताएं –
- समद्विबाहु त्रिभुज के तीनों कोणों में से कोई भी दो कोण बराबर होते है।
- समद्विबाहु त्रिभुज में बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण भी बराबर होते है।
- समद्विबाहु त्रिभुज में बराबर कोणों की सम्मुख भुजाये बराबर होती है।
समद्विबाहु त्रिभुज के सभी सूत्र –
समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल – क्षेत्रफल = (a/4) √ (4b2-a2)
समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप – त्रिभुज के सभी भुजाओं का योग
समद्विबाहु त्रिभुज की ऊंचाई – ऊंचाई = (1/2)√(4b2-a2)
विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle) –
ऐसा त्रिभुज जिसकी कोई भी भुजा आपस में बराबर न हो तो उसे विषमबाहु त्रिभुज कहते है, विषमबाहु जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि “विषम” का अर्थ है “जो समान न हो” और “बाहु” का मतलब है “भुजा”, कोई भी भुजा समान न हो।
विषमबाहु त्रिभुज में इसकी भुजाओं के साथ-साथ इसके कोण भी आसमान होते है।
विषमबाहु त्रिभुज में किसी शीर्ष से सम्मुख भुजा पर डाला गया लम्ब त्रिभुज की ऊंचाई कहलाता है, यदि यह लम्ब सम्मुख भुजा पर 90° का कोण बनाता है, तो इसमें हमें आधार उसी भुजा को लेना है जिस भुजा पर वह लम्ब डाला गया है।
विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने के लिए हम जो सूत्र प्रयोग करते हैं उसमें S का मतलब अर्धपरिमाप होता है, यानी S की जगह हमें त्रिभुज का अर्धपरिमाप लिखना होगा तथा A, B ओर C त्रिभुज की तीन भुजाएं है।
- विषमबाहु त्रिभुज की विशेषताएं (Properties of Scalene Triangle)
- विषमबाहु त्रिभुज के सभी तीनों कोण असमान होते है।
- विषमबाहु त्रिभुज में बड़ी भुजा के सामने का कोण बड़ा तथा छोटी भुजा के सामने का कोण छोटा होता है।
- विषमबाहु त्रिभुज में बड़े कोण की सम्मुख भुजा बड़ी तथा छोटे कोण के सामने की भुजा छोटी होती है।
विषमबाहु त्रिभुज से जुड़े सभी सूत्र –
- विषमबाहु त्रिभुज का परिमाप = a+b+c
- विषमबाहु (Scalene Triangle) त्रिभुज का अर्धपरिमाप s = (a+b+c)/2
- विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √ (s (s-a) (s-b) (s-c) )
दिए गए सूत्र में a, b, c, त्रिभुज की भुजायें और s त्रिभुज का अर्धपरिमाप है।
कोणों के आधार पर त्रिभुज (Triangle) के प्रकार –
कोणों के आधार पर त्रिभुज तीन प्रकार के होते है, नीचे इन सभी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
न्यूनकोण त्रिभुज (Acute angle Triangle) –
ऐसा त्रिभुज जिसके प्रत्येक कोण का मान 90 अंश से कम हो, तो इस तरह के त्रिभुज को न्यूनकोण त्रिभुज (Acute angle) कहते हैं।
सभी न्यूनकोण त्रिभुजों में उसके दो कोणों का योगफल सदैव 90° से अधिक होता है, तथा किसी भी न्यूनकोण त्रिभुज में दो भुजाओं के वर्गों का योग सदैव तीसरी भुजा के वर्ग से अधिक होता है।
समकोण त्रिभुज (Right Angle Triangle) –
यदि किसी त्रिभुज में मौजूद एक कोण समकोण अर्थात 90 अंश का हो तो उसे समकोण त्रिभुज (Right Angle Triangle) कहते हैं।
समकोण त्रिभुज में शेष अन्य दो कोणों का योग 90° होता है, तथा समकोण त्रिभुज में शेष दो कोणों का योग तीसरे कोण के बराबर होता है।
साथ ही किसी भी समकोण त्रिभुज में सबसे बड़ी भुजा (कर्ण) का वर्ग शेष दोनों भुजाओं (लम्ब और आधार) के वर्ग के योग के बराबर होता है।
अधिक कोण त्रिभुज (Obtuse angle triangle) –
जब किसी त्रिभुज का एक कोण 90 अंश से अधिक हो तो ऐसे त्रिभुज को अधिक कोण त्रिभुज कहते हैं।
अधिक कोण त्रिभुज में एक कोण का मान 90 डिग्री से अधिक तथा शेष अन्य दो कोणों का योग 90° से हमेशा कम होता है, तथा अधिक कोण त्रिभुज में दो भुजाओ के वर्गों का योग तीसरी भुजा के वर्ग से कम होता है।
त्रिभुज किसे कहते है?
तीन भुजाओं से घिरी हुई आकृति को ही त्रिभुज कहते है।
त्रिभुज का परिमाप क्या होता है?
परिमाप को परिधि भी कहा जाता है, किसी भी आकृति के चारों ओर बाह्य तल की लंबाई को ही परिधि कहते है, सभी प्रकार की आकृतियों का परिमाप उसकी सीमा रेखाओं की लंबाई का योग होता है।
त्रिभुज कितने प्रकार के होते है?
भुजाओं के आधार पर त्रिभुज तीन प्रकार (समबाहु, समद्विबाहु, विषमबाहु) के होते है, तथा कोणों के आधार पर भी तीन प्रकार (समकोण, न्यूनकोण, अधिककोण) के होते है।
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Summary –
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