Sarvnam Kise Kahate Hain ᐈ सर्वनाम किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद और उदाहरण

Sarvnam Kise Kahate Hain | सर्वनाम किसे कहते हैं? | Sarvnam Ki Paribhasha | Sarvnam Ke Bhed | Sarvnam Aur Uske Bhed | सर्वनाम की परिभाषा

हिंदी के शब्दों को समझने में संज्ञा के बाद सर्वनाम की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है, वैसे तो व्याकरण के सभी तत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है लेकिन सर्वनाम, हमें वाक्य के अंदर वक्ता, श्रोता तथा अन्य लोगों के बीच संबंध को समझने का अवसर देता है।

Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर, आज के इस लेख में हम सर्वनाम की परिभाषा (Sarvnam Kise Kahate Hain) तथा इसके प्रकार और इससे जुड़े उदाहरणों के बारें में विस्तार से बात करेंगे।

Sarvnam Kise Kahate Hain
Sarvnam Kise Kahate Hain | सर्वनाम किसे कहते हैं?

Sarvnam Kise Kahate Hain सर्वनाम किसे कहते हैं? –

जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते है उन्हें सर्वनाम कहा जाता है, उदाहरण – मैं, हम, तुम, वह, वे आदि।

“सर्वनाम’ उस विकारी शब्द को कहते है, जो पूर्वपरसंबंध से किसी भी सँग के बदले आता है” – पं कामता प्रसाद गुरु

सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है सबका नाम, जिसका अर्थ है ऐसे शब्द जो किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयोग न होकर सबके लिए प्रयोग किए जाते है और इसमें किसी एक का नाम न होकर सभी का नाम शामिल होता है।

उदाहरण के लिए हम का प्रयोग किसी एक ही ग्रुप के लिए ही नहीं बल्कि कोई भी व्यक्ति अपने समूह को हम कहकर प्रयोग कर सकता है, इस प्रकार ‘हम’ किसी एक समूह विशेष का नाम न होकर एक सर्वनाम है।

संज्ञा की अपेक्षा सर्वनाम की विशेषता यह है कि संज्ञा से केवल उसी वस्तु का बोध होता है, जिसका वह संज्ञा (नाम) है जबकि सर्वनाम में पूर्वापरसंबंध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोध होता है।

जैसे – लड़का कहने से केवल लड़के का बोध होता है, मकान, दीवार इत्यादि का नहीं, लेकिन ‘वह’ कहने से पूर्वापरसंबंध के अनुसार ही किसी वस्तु का बोध होता है।

हिंदी में कुल 11 सर्वनाम है, जो कुछ इस प्रकार है – मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, कुछ, कौन, क्या इत्यादि।

सर्वनाम के प्रकार –

प्रयोग के आधार पर सर्वनाम 6 प्रकार के होते है, नीचे इन सभी के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Sarvnam Kise Kahate Hain Sarvnam Kise Kahate Hain
Sarvnam Kise Kahate Hain | सर्वनाम किसे कहते हैं?

1. पुरूषवाचक सर्वनाम –

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग तीनों पुरुष (उत्तम, मध्यम व अन्यपुरुष) में होता है, उन्हें पुरूषवाचक सर्वनाम कहा जाता है।

‘पुरूषवाचक सर्वनाम’, स्त्री या पुरुष के नाम के बदले आते है, यहाँ उत्तमपुरुष में लेखक या वक्ता आता है, मध्यमपुरुष में पाठक या श्रोता और अन्यपुरुष में लेखक और श्रोता को छोड़कर अन्य लोग आते है।

पुरूषवाचक सर्वनाम, लेखक या वक्त, श्रोता और अन्य लोगों के आधार पर, निम्नलिखित तीन प्रकार का होता है –

A. उत्तमपुरुष वाचक (First Person) –

जिस सर्वनाम का प्रयोग वाचक (बोलने वाला) अपने लिए करता है, उसे ‘उत्तमपुरुष वाचक सर्वनाम’ कहते है, जैसे – मैं, हम, मेरा, आदि।

उदाहरण – मेरा बैग नया है।
हम खेलने जाते है।
मैंने खाना खाया।
हमारा घर नया है।

B. मध्यमपुरुष वाचक (Second Person) –

जिस सर्वनाम का प्रयोग सुनने वाले के लिए किया जाता है उसे ‘मध्यम पुरुष सर्वनाम’ कहा जाता है, जैसे – तुम, तुमको, तुम्हारा, तेरा आदि।

उदाहरण – तू घर कब जाएगा?
तुम क्या कर रहे हो?
तुम्हारा सामान किधर है?

C. अन्यपुरुष वाचक (Third Person) –

वाक्य में जिस सर्वनाम का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए होता है उसे अन्यपुरुष वाचक सर्वनाम कहते है। जैसे – वह, उसने, वे, उन्होंने, उसे आदि।

उदाहरण – यह मेरी किताब है।
वे घर जा रहे है।
उन्होंने सभी का सम्मान किया।
वह कहां जा रहा है।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम –

जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति की ओर संकेत तो उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे – वह वह यह आदि।

निश्चयवाचक सर्वनाम से वक्ता के पास या दूर की किसी वस्तु के निश्चय का बोध होता है, इस सर्वनाम ‘संकेतवाचक सर्वनाम’ भी कहा जाता है।

वे – दूर की वस्तु या व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त होता है। (बहुवचन)
ये – पास की वस्तु या व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त होता है। (बहुवचन)
वह – दूर की वस्तु या व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त होता है। (एकवचन)
यह – पास की वस्तु या व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त होता है। (एकवचन)

जैसे – वह घर मेरा है।
ये किताबें तुम्हारी है।
यह ट्रेन दिल्ली जाती है।
वे लोग अपनी जॉब कर रहे है।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम –

जिस सर्वनाम से किसी भी एक निश्चित व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत ना हो उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे – कोई, किसी को, कुछ, किन्हीं आदि।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम से किसी वस्तु की निश्चितता का बोध नहीं होता है, हम वाक्य में सम्पूर्ण हुई चीजों को मानकर चलते है कि ऐसा हुआ होगा।

जैसे – रोहन ने श्याम को कुछ फल दिए।
तुमसे कोई मिलने आया है।
उसने कल से कुछ नहीं खाया है।

4. निजवाचक सर्वनाम –

जिस सर्वनाम शब्द के वाक्य से कर्ता के साथ अपनापन प्रकट हो उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे – स्वयं, आप, अपने, खुद आदि।

जैसे – मैंने अपनी परीक्षा में पास हो गया।
आप राम के पिता है?
कल मैंने किताब पूरी पढ़ ली।
क्या तुम मेरे साथ हो।

5. संबंधवाचक सर्वनाम –

जिस सर्वनाम द्वारा वाक्य में किसी दूसरे सर्वनाम के साथ संबंध को प्रकट किया जाए, उसे ‘संबंधवाचक सर्वनाम’ कहते है, जैसे – जो, सो, जैसा आदि।

संबंधवाचक सर्वनाम के माध्यम से वाक्य में किसी दूसरे सर्वनाम से संबंध को स्थापित किया जाता है।

उदाहरण – जो जैसा बोएगा, वही काटेगा।
जो जैसा करेगा, वह वैसा ही भरेगा।
जिसने स्कूल में नियमों को तोड़ उसे सजा मिलेगी।

6. प्रश्नवाचक सर्वनाम –

जिस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है, जैसे – किसने, किससे, कौन, क्या, किसे, कहां आदि।

उदाहरण – यह मिठाई कौन खाएगा?
क्या तुमने अपना होम वर्क पूरा किया है?
कल किसकी परीक्षा है?

7. संयुक्त सर्वनाम –

रूस के हिंदी वैयाकरण डॉ. दीमशित्स ने एक और प्रकार के सर्वनाम का उल्लेख किया है और उन्होंने इसे ‘संयुक्त सर्वनाम’ कहा है।

डॉ. दीमशित्स के अनुसार, ‘संयुक्त सर्वनाम’ पृथक् श्रेणी के सर्वनाम है, सर्वनाम के सब भेदों से इनकी भिन्नता इसलिए है, क्योंकि उनमें एक शब्द नहीं, बल्कि एक से अधिक शब्द होते हैं।

संयुक्त सर्वनाम स्वतंत्र रूप से या संज्ञा शब्दों के साथ ही प्रयुक्त होता है। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं— हर कोई, जो कोई, सब कोई, और कोई, कोई और, जो कुछ, सब कुछ और कुछ, कुछ और, कुछ एक, कोई एक, एक कोई, कोई-न-कोई, कोई भी , कुछ-कुछ, कुछ-न-कुछ, कुछ भी, कोई-कोई इत्यादि।

Note – इस सर्वनाम के बारे में पाठ्यक्रम में नहीं पढ़ाया जाता है।

२. सर्वनाम के रूपांतर –

सर्वनाम का एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतर पुरुष, वचन और कारक की दृष्टि से होता है। इनमें लिंगभेद के कारण रूपांतर नहीं होता।

जैसे – वह खाता है।
वह खाती है।

संज्ञाओं के समान सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं- एकवचन और बहुवचन । पुरुषवाचक और निश्चयवाचक सर्वनाम को छोड़ शेष सर्वनाम विभक्तिरहित बहुवचन में एकवचन के समान रहते हैं।

सर्वनाम में केवल सात कारक होते हैं, संबोधन कारक नहीं होता।

कारकों की विभक्तियों लगने से सर्वनामों के रूप में विकृति आ जाती है; जैसे मैं मुझको, मुझे मुझसे मेरा तुम तुम्हें, तुम्हारा हम हमें हमारा – वह उसने उसको, उसे, किसको, उससे उसमें उन्होंने उनको यह इसने इसे इससे, इनसे कौन- किसने, इन्होंने इनको, इन्हें, किसे।

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Summary –

सर्वनाम किसे कहते हैं? (Sarvnam Kise Kahate Hain) इसके बारे में यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं नीचे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से, यदि आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो उसे भी कमेन्ट बॉक्स में लिखना न् भूलें, धन्यवाद 🙂

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