Rashtra Gaan In Hindi【राष्ट्रगान इन हिंदी】’जन गण मन’, इतिहास

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Rashtra Gaan In Hindi | Rashtra Gaan Kisne Likha | Rashtra Gaan Kisne Likha Hai | Bharat Ka Rashtra Gaan Kisne Likha Hai | Bharat Rashtra Gaan | राष्ट्रगान किसने लिखा | राष्ट्रगान हिंदी में | राष्ट्रगान का इतिहास | राष्ट्रगान किसने लिखा | राष्ट्रगान इन हिंदी

किसी भी देश का राष्ट्रगान उस देश की पहचान और शौर्य होता है, भारत की पहचान हमारे राष्ट्रगान “जन गण मन” से होती है, यह न सिर्फ हमारे देश की एकता को दिखाता है बल्कि, सभी भारत के सभी देशवासियों को एक सूत्र में पिरोने का भी काम करता है।

Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हां बात करने जा रहे है… भारतीय राष्ट्रगान के बारे में, भारतीय राष्ट्रगान और उससे जुड़ी इतिहास की यादें और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां, मुझे उम्मीद है ये आपको जरूर पसंद आएंगी।

राष्ट्रगान इन हिंदी Rashtra Gaan In Hindi –

Rashtra Gaan In Hindi
Rashtra Gaan In Hindi | राष्ट्रगान इन हिंदी

पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक सम्पूर्ण भारत को एक करने में राष्ट्रगान की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ है, यह बंगाली भाषा में “गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर” द्वारा लिखा गया था, जबकि भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ है।

राष्ट्रगान के गाने की अवधि 52 सेकंड है, इसका एक संक्षिप्त रूप भी है, जिसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं और इसे पूरा बोलने में लगभग २० सेकेण्ड का समय लगता है, संक्षिप्त राष्ट्रगान को कुछ अवसरों पर गाया जाता है।

आजादी के लगभग 13 वर्षों बाद 24 जनवरी सन् 1950 को भारत की संविधान सभा ने “जन-गण-मन” को हिन्दुस्तान के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया।

राष्ट्रगान के सर्वप्रथम 27 दिसंबर सन् 1911 कलकत्ता में कांग्रेस के अधिवेशन में, दोनों भाषाओं (बंगाली और हिन्दी) में गाया गया।

रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित राष्ट्रगान में कुल 5 पद है, संविधान सभा द्वारा स्वीकृत राष्ट्रगान में शुरू के दो पद ही लिए गए है, जिसे 52 सेकंड में गाया जाता है।

निम्नलिखित पाठ राष्ट्रगान का संक्षिप्त तथा पूर्ण रूप है, किसी भी राष्ट्रीय पर्व, सरकारी कार्यालय, स्कूलों और निजी संस्थानों अर्थात् सभी जगहों पर यही गीत गाया जाता है।

राष्ट्रगान को गाने अथवा बजाने की अवधि 52 सेकंड होती है, इसे इसी समय में पूरा किया जाना आवश्यक है।

जनगणमन-अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता!
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।

राष्ट्रगान किसने लिखा है?गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर
राष्ट्रगान की मूल भाषा क्या है?बांग्ला
राष्ट्रगान को गाने में लगने वाला समय52 सेकंड
राष्ट्रगान का पहली बार प्रयोगकांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में
भारतीय संविधान में समावेश24 जनवरी 1950
राष्ट्रगान का हिंदी अनुवाद

राष्ट्रगान का अर्थ Rashtra Gaan Ka Arth –

जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
जनगणमन – जनगण के मन/सारे लोगों के मन, अधिनायक – शासक, जय हे – की जय हो, भारत भाग्य विधाता – भारत के भाग्य-विधाता (भाग्य निर्धारक) अर्थात् भगवान
अर्थ – जन गण के मनों के उस अधिनायक की जय हो, जो भारत के भाग्यविधाता (भाग्य निर्धारक) हैं।
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग
पंजाब – पंजाब/पंजाब के लोग, सिन्ध – सिन्ध/सिन्धु नदी/सिन्धु के किनारे बसे लोग, गुजरात – गुजरात व उसके लोग, मराठा – महाराष्ट्र/मराठी लोग, द्राविड़ – दक्षिण भारत/द्राविड़ी लोग, उत्कल – उडीशा/उड़िया लोग, बंग – बंगाल/बंगाली लोग
विन्ध्य – विन्ध्यांचल पर्वत, हिमाचल – हिमालय/हिमाचल पर्वत श्रिंखला, यमुना गंगा – दोनों नदियाँ व गंगा-यमुना दोआब, उच्छल-जलधि-तरंग – मनमोहक/हृदयजाग्रुतकारी-समुद्री-तरंग या मनजागृतकारी तरंगें
अर्थ – उनका नाम सुनते ही पंजाब सिन्ध गुजरात और मराठा, द्राविड़ उत्कल व बंगाल
एवं विन्ध्या हिमाचल व यमुना और गंगा पे बसे लोगों के हृदयों में मनजागृतकारी तरंगें भर उठती हैं
तव शुभ नामे जागे, तव शुभाशीष मांगे
गाहे तव जय गाथा
तव – आपके/तुम्हारे, शुभ – पवित्र, नामे – नाम पे(भारतवर्ष), जागे – जागते हैं, आशिष – आशीर्वाद, मांगे – मांगते हैं
गाहे- गाते हैं, तव – आपकी ही/तेरी ही, जयगाथा – विजयगाथा (विजयों की कहानियां)
अर्थ – सब तेरे पवित्र नाम पर जाग उठने हैं, सब तेरी पवित्र आशीर्वाद पाने की अभिलाषा रखते हैं
और सब तेरे ही जयगाथाओं का गान करते हैं
जन गण मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
जनगणमंगलदायक – जनगण के मंगल-दाता/जनगण को सौभाग्य दिलाने वाले, जय हे – की जय हो, भारतभाग्यविधाता – भारत के भाग्य विधाता
जय हे जय हे – विजय हो, विजय हो, जय जय जय जय हे – सदा सर्वदा विजय हो
अर्थ – जनगण के मंगल दायक की जय हो, हे भारत के भाग्यविधाता
विजय हो विजय हो विजय हो, तेरी सदा सर्वदा विजय हो

मूल राष्ट्रगान –

बांग्ला भाषा से हिन्दी अनुवादित राष्ट्रगान मूल राष्ट्रगान में कुल पाँच पद है, भारतीय संविधान में इस कविता के दो प्रथम पदों को ही शामिल किया गया है।

राष्ट्रगान की मूल कविता कुछ इस प्रकार है –

जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
————————————
अहरह तव आह्वान प्रचारित, सुनि तव उदार बाणी
हिन्दु बौद्ध सिख जैन पारसिक मुसलमान खृष्तानी
पूरब पश्चिम आसे तव सिंहासन-पासे
प्रेमहार हय गाथा।
जनगण-ऐक्य-विधायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
—————————
पतन-अभ्युदय-वन्धुर पन्था, युग युग धावित यात्री।
हे चिरसारथि, तव रथचक्रे मुखरित पथ दिनरात्रि।
दारुण विप्लव-माझे तव शंखध्वनि बाजे
संकटदुःखत्राता।
जनगणपथपरिचायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
————————–
घोरतिमिरघन निविड़ निशीथे पीड़ित मूर्छित देशे
जाग्रत छिल तव अविचल मंगल नतनयने अनिमेषे।
दुःस्वप्ने आतंके रक्षा करिले अंके
स्नेहमयी तुमि माता।
जनगणदुःखत्रायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
————————
रात्रि प्रभातिल, उदिल रविच्छवि पूर्व-उदयगिरिभाले –
गाहे विहंगम, पुण्य समीरण नवजीवनरस ढाले।
तव करुणारुणरागे निद्रित भारत जागे
तव चरणे नत माथा।
जय जय जय हे जय राजेश्वर भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।

राष्ट्रगान से जुड़े नियम और आचार संहिता –

राष्ट्रगान को गाते समय और राष्ट्रध्वज को फहराते समय नियमों का पूर्णतः पालन किया जाना चाहिए।

इसके संबंध में भारतीय सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किया जाता है, जिनका हम सभी को पालन करना चाहिए।

भारतीय कानून की धारा 71, (राष्ट्रीय सम्मान को ठेस पहुँचने से रोकने के लिये) को लागू किया गया है जिसके तहत, जो कोई व्यक्ति भी राष्ट्रगान का अपमान करेगा तो उसे जुर्माने के साथ तीन साल तक की सजा हो सकती है।

राष्ट्रगान को 52 सेकंड में गाया जाता है तथा राष्‍ट्रगान का पूर्ण संस्‍करण निम्‍नलिखित अवसरों पर बजाया जा सकता है –

1. नागरिक और सैन्‍य अधिष्‍ठापन के समय।

2. जब राष्‍ट्र सलामी देता है अर्थात् राष्‍ट्रपति या संबंधित राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के अंदर राज्‍यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर को, विशेष अवसरों पर राष्‍ट्रगान के साथ राष्‍ट्रीय सलामी – सलामी शस्‍त्र प्रस्‍तुत किया जाता है

3. परेड के दौरान – चाहे ऊपर बताए गए नियम के अनुसार संदर्भित विशिष्‍ट अतिथि उपस्थित हों या न हो, इस दौरान राष्ट्रगान को गाया जाता है।

4. किसी भी औपचारिक राज्‍य कार्यक्रमों और सरकार द्वारा आयोजित अन्‍य कार्यक्रमों में राष्‍ट्रपति के आगमन पर और सामूहिक कार्यक्रमों में तथा इन कार्यक्रमों से उनके वापस जाने के अवसर पर, राष्ट्रगान गाया जाता है।

5. ऑल इंडिया रेडियो पर राष्‍ट्रपति के राष्‍ट्र को संबोधन से तुरंत पहले और उसके बाद।

6. राज्‍यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर के उनके राज्‍य/संघ राज्‍य के अंदर औपचारिक राज्‍य कार्यक्रमों में आगमन पर तथा इन कार्यक्रमों से उनके वापस जाने के समय पर।

7. जब भी राष्‍ट्रीय ध्‍वज को किसी परेड में लाया जाए।

8. जब रेजीमेंट के रंग प्रस्‍तुत किए जाते हैं, नौसेना के रंगों को फहराने के लिए, जब नेवी में रंगों को फैलाया जाता हो और रेजीमेंट के रंगों की प्रस्तुति हो तब।

राष्ट्रगान बजाने के नियम –

1. राष्‍ट्रगान जब भी किसी बैंड द्वारा बजाया जाता है तो राष्‍ट्रगान के पहले श्रोताओं की सहायता हेतु ड्रमों का एक क्रम बजाया जाये ताकि वे जान सकें कि अब राष्‍ट्रगान प्रारम्भ होने वाला है।

यदि ऐसा नहीं है तो इसके कुछ विशेष संकेत होने चाहिए कि अब राष्‍ट्र गान को बजाना आरम्भ होने वाला है।

उदाहरण के लिए राष्‍ट्रगान बजाने से पहले एक विशेष प्रकार की संकेत ध्‍वनि निकाली जाए या जब राष्‍ट्रगान के साथ सलामती की शुभकामनाएँ भेजी जायें या जब राष्‍ट्रगान गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा दी जाने वाली राष्‍ट्रीय सलामी का भाग हो तब।

2. मार्चिंग ड्रिल के परिपेक्ष्य में रोल की अवधि धीमे मार्च में सात कदम होगी। यह रोल धीरे से आरम्भ होगा, ध्‍वनि के तेज स्‍तर तक जितना अधिक संभव हो ऊँचा उठेगा और तब धीरे से मूल कोमलता तक कम हो जाएगा।

लेकिन यह सातवीं बीट तक सुनाई देने योग्‍य बना रहेगा, तब उस समय राष्‍ट्रगान आरम्भ करने से पहले एक बीट का विश्राम लिया जाएगा।

3. इसके अतिरिक्त राष्‍ट्रगान को उन अन्‍य अवसरों पर भी बजाया जाएगा जिनके लिए भारत सरकार के द्वारा विशेष आदेश जारी किया गया हो।

4. आमतौर पर राष्‍ट्रगान को प्रधानमंत्री के लिए नहीं बजाया जाएगा, परंतु ऐसे विशेष अवसर हो सकते हैं जब प्रधानमंत्री के लिए राष्ट्रगान को बजाया जाए।

राष्ट्रगान से जुड़े कुछ तथ्य –

1. बांग्ला और हिन्दी के अतिरिक्त, राष्ट्रगान की रचना अंग्रेजी भाषा में भी की गई है।

2. 14 अगस्त 1947 की रात को देश को आज़ादी मिलने के बाद पहली बार संविधान सभा का समापन इसी राष्ट्रगान के साथ हुआ था।

3. राष्ट्रगान के बोल और इसकी धुन खुद रवीन्द्रनाथ टैगोर ने आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में तैयार की थी।

4. राष्ट्रगान में दो नदियों गंगा और यमुना का भी नाम आता है।

5. राष्ट्रगान में कुल सात राज्यों के नाम आते है वे कुछ इस प्रकार है – पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा (महाराष्ट्र), द्रविड़ (तमिलनाडु), ओडिशा और बंगाल।

6. विश्व का सबसे बाद राष्ट्रगान ग्रीस का है।

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राष्ट्रगान में कितनी पंक्तियां हैं

राष्ट्रगान में कुल 10 पंक्तियाँ है।

राष्ट्रगान में कितनी नदियां हैं

राष्ट्रगान में दो नदियों का उल्लेख मिलता है, वो नदिया है गंगा और यमुना।

राष्ट्रगान का हिंदी अनुवाद किसने किया

वर्ष 1911 में मूल राष्ट्रगान की रचना बांग्ला भाषा में की गई, इसके बाद इसका हिन्दी और उर्दू भाषा में रूपांतरण ‘आबिद अली’ के द्वारा किया गया।

राष्ट्रगान सबसे पहले किसने गाया था

राष्ट्रकवि “रवीन्द्रनाथ टैगोर” की भांजी ‘सरला’ के द्वारा अन्य स्कूली बच्चों के साथ पहली बार बांग्ला और हिन्दी भाषा में गाया गया था।

राष्ट्रगान कब लिखा गया

वर्ष 1911 में मूल राष्ट्रगान की रचना बांग्ला भाषा में गुरुदेव ‘रवींद्र नाथ टैगोर’ के द्वारा की गई।

राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान कब अपनाया गया

24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान को अपनाया गया।

राष्ट्रगान कब अपनाया गया?

भारतीय संविधान सभा के द्वारा 24 जनवरी वर्ष 1950, रवींद्र नाथ टैगोर के द्वारा लिखी गई कविता के प्रथम पद को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।

यह लिरिक्स भी पढ़ें –

राष्ट्रीय गीत लिरिक्स इन हिन्दी

Summary –

तो दोस्तों, राष्ट्रगान के बारे में यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं नीचे कमेन्ट बॉक्स में और यदि आपके पास इससे जुड़ा कोई भी सवाल या सुझाव हो तो उसे भी लिखना न भूलें, धन्यवाद 🙂

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