Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह | विराम चिन्ह के उदाहरण | विराम चिन्ह pdf | विराम चिन्ह किसे कहते हैं | विराम चिन्ह के प्रकार 16 | विराम चिन्ह In Hindi | अल्प विराम चिन्ह | अर्ध विराम चिन्ह के उदाहरण | अल्प विराम चिन्ह के उदाहरण | विराम चिन्हों के नाम | विराम चिन्ह हिंदी में
भाषा को बोलते समय या लिखते समय उसमें उचित ठहराव जरूरी होता है, जिससे हम किसी बात को बोल और समझ पाते है, बिना किसी ठहराव के भाषा एक आवाज का शोर बनकर रह जाती है, इसलिए भाषा को समझने योग्य बनाने के लिए विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।
Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, विराम चिन्ह के बारे में ये क्या होते है? भाषा में इनका क्या महत्व होता है? विराम चिन्हों का प्रयोग कहाँ पर किया जाता है? तथा इससे जुड़े कुछ उदाहरण के बारे में, उम्मीद करता हूँ आपको यह पसंद आएगा।
Viram Chinh In Hindi विराम चिन्ह के प्रकार –
विराम चिन्ह, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है रुकाव या ठहराव, भाषा में इनका प्रयोग रुकने या ठहरने के लिए किया जाता है।
बोलते समय हमारी वाणी में समानता नहीं होती, अपनी बात को श्रोता तक पहुंचाने के लिए हम बीच-बीच में अनेक स्थानों पर रुकते है।
यदि बिना रुके अपनी बात को कहते चले जाएं, तो सुनने वाले को कुछ नहीं समझ में आएगा।
इसलिए हमें अपने विचारों को स्पष्ट करने के लिए वाक्य के बीच-बीच में या अंत में रुकना पड़ता है, यह रुकावट बातचीत अथवा विचारों को स्पष्ट करने के लिए होती है।
व्याकरण में इसी रुकावट को ‘विराम’ कहते है, तथा भाषा को लिखते समय विराम को प्रदर्शित करने के लिए कुछ चिन्ह निर्धारित किए गए है, जिन्हें ‘विराम-चिन्ह’ कहते है।
इसे कुछ इस प्रकार कहा जा सकता है कि – भाषा के लिखित रूप में विशेष स्थानों पर रुकने का संकेत करने वाले चिन्हों को ‘विराम चिन्ह’ कहते है।
विराम चिन्ह के फायदे –
विराम चिह्नों के उचित प्रयोग के हमें निम्नलिखित लाभ होते हैं-
- विराम चिह्न लेखक के भावों को समझाने में हमारी सहायता करते हैं।
- विराम चिह्न वाक्यों के अर्थ समझाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
- विराम चिह्नों के प्रयोग से भाषा अधिक सुंदर, प्रभावशाली और सुस्पष्ट होती है।
- वाक्य में निहित अर्थ को बिल्कुल उसी रूप में पहुँचाते है।
वाक्य में गलत विराम चिह्नों के प्रयोग से उसका अर्थ पूरी तरह से बदल जाता है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि इसका प्रयोग करते समय खास ख्याल रखा जाए।
जैसे – रोको मत, खाने दो। (अशुद्ध वाक्य) और रोको, मत खाने दो। (शुद्ध वाक्य)
विराम चिन्ह लिस्ट (Punctuation Marks List) –
N. | चिन्ह का नाम | विराम चिन्ह |
1. | पूर्ण विराम (Full Stop) | । |
2. | अल्प विराम (Comma) | , |
3. | अर्ध विराम (Semi Colon) | ; |
4. | प्रश्नवाचक चिन्ह (Question Mark) | ? |
5. | विस्मयादिबोधक चिन्ह (Exclamation Mark) | ! |
6. | योजक चिन्ह (Hyphen) | – |
7. | निर्देशक चिन्ह (Sign of Dash) | ― |
8. | उद्धरण चिन्ह (Inverted Comma) | “…..” |
9. | कोष्ठक (Bracket) | [{()}] |
10. | लाघव चिन्ह (Abbreviation Mark) | ॰ या . |
11. | त्रुटिपूरक चिन्ह (Oblivion Sign) | ^ |
12. | विवरण चिह्न (Following Mark) | :- |
13. | पुनरुक्ति सूचक चिह्न (Repetition Indicator) | (,,) |
14. | रेखांकन चिह्न (Underline) | ( _ ) |
15. | पदलोप चिह्न (Footprint Mark) | (…) |
16. | उप विराम (Colon) | : |
17. | समानता सूचक चिह्न (Equality Indicator) | = |
18. | दीर्घ उच्चारण चिह्न (Long Accent) | (S) |
विराम चिन्ह के उदाहरण और जानकारी –
पूर्ण विराम ( | ) –
पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग तब करते है जब हमें अपनी बात को खत्म करना होता है।
जब भी कोई वाक्य समाप्त होता है तो वाक्य के अंत में हमेशा पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग करते है, अंग्रेजी में ‘पूर्ण विराम’ को ‘फुल स्टॉप (Full Stop)’ कहते है।
इस चिन्ह का प्रयोग करते समय यह ध्यान रखें कि प्रश्नवाचक और विस्मयवाचक वाक्यों को छोड़कर शेष सभी सामान्य कथन वाले वाक्यों के अंत में इस चिह्न का प्रयोग होता है।
जैसे –
- आज बहुत ठंड पड़ रही है।
- शिमला घूमने की बहुत अच्छी जगह है।
- आज रविवार है, इसलिए हम पिकनिक पर जाएंगे।
- राम बहुत अच्छा लड़का है।
अल्प विराम ( , ) –
पूर्ण विराम का प्रयोग वाक्य के अंत में होता है, जबकि अल्प विराम का प्रयोग वाक्य के बीच में होता है।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है अल्प विराम का प्रयोग वाक्य के बीच में अत्यंत सूक्ष्म समय के लिए रुकने के लिए होता है।
अल्प विराम को (,) से प्रदर्शित किया जाता है अंग्रेजी में इसे ‘कॉमा (Comma)’ कहा जाता है।
बोलते समय वाक्य के बीच में रुकने से ही भाषा में विशेष प्रभाव उत्पन्न होता है।
अल्प विराम का प्रयोग वाक्य के अर्थ को बदल सकता है अतः इसका प्रयोग सही से किया जाना चाहिए, बाकी चिन्हों की तुलना में हिन्दी भाषा में अल्प विराम का प्रयोग सबसे अधिक होता है।
इन परिस्थितियों में अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है –
1. एक समान शब्दों या वाक्यांशों को अलग करने के लिए अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है, जैसे –
- विभूति, तान्या और प्रियंका कक्षा आठ की छात्राएँ हैं।
- मनोज, सुभाष, रमेश और मनीष यहाँ आ रहे है।
- मुझे कटहल, परवल और लौकी की सब्जी अच्छी नहीं लगती।
2. किसी वाक्य में ‘हाँ’ अथवा ‘नहीं’ के बाद, अल्प विराम का प्रयोग होता है, ऐसे वाक्य में ‘हाँ’ या ‘नहीं’ के माध्यम से शेष वाक्य को पृथक किया जाता है। जैसे –
- हाँ, मैं तुम्हारे साथ अवश्य चलूँगा।
- नहीं, हम मैच नहीं जीत सके।
- हाँ, यह तुम्हारे लिए आसान है।
3. पत्र लिखते समय सम्बोधन या पता लिखने के बाद तथा किसी वाक्य में सम्बोधन के समय जिसे संबोधित किया जाता है, वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग होता है।
इसके अलावा सम्बोधन को शेष वाक्य से अलग करने के लिए भी अल्प विराम का प्रयोग होता है। जैसे –
- प्रिय मित्र, आदरणीय पिताजी, पूज्य माताजी (पत्र लिखते समय सम्बोधन)
- S-560, लाजपत नगर, दिल्ली (पता लिखते समय)
- स्मिता जी, क्या आप हमारी मदद कर सकती है? (किसी वाक्य में सम्बोधन के समय)
- बच्चों, आज गणतंत्र दिवस है। (सम्बोधन को शेष वाक्य से अलग करना)
- विकास जरा यह समान वहाँ रख देना। (सम्बोधन को शेष वाक्य से अलग करना)
4. किसी वाक्य में ‘यह, वह, तब, तो, और, अब,’ आदि शब्द के अनुपस्थित होने पर अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है। जैसे –
- जो घड़ी आपने भेजी थी, मुझे मिल गई। (‘वह’ के स्थान पर)
- मैं पुकार रहा था, कहाँ थे? (‘तब’ के स्थान पर)
5. किसी वाक्य में उद्धरण चिन्ह (Quote) से पूर्व अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग होता है। जैसे –
- रोहित बोला, “तुमने जो कुछ भी कहा वह ठीक है।”
- नमिता ने कहा, “मैंने अब दिल्ली जाना निश्चय कर लिया है।”
6. वाक्य के अंदर ‘उपवाक्य’ को अथवा एक से अधिक ‘उपवाक्यों’ को अलग करने के लिए अल्प विराम का प्रयोग होता है। जैसे –
- मैं तुम्हें रुपये दे देता, परंतु मेरी जेब खाली है। (एक उपवाक्य)
- जो मेहनत करते है, वह निश्चित ही सफल होते है। (एक उपवाक्य)
- जल हमारा जीवन है, वायु प्राण है और अन्न हमारी शक्ति है। (एक से अधिक उपवाक्य)
- पंक्षी दाना चुगते है, मोर नाचते है, भँवरें गुनगुनाते है। (एक से अधिक उपवाक्य)
7. यदि किसी वाक्य में एक ही तरह के शब्दों की पुनरावृत्ति होती है तो वहाँ अल्प विराम का प्रयोग होता है। जैसे –
- रुको, देखो, समझो और नियमों का पालन करते हुए सावधानी से सड़क पार करो।
- जरा सुनो, सुनो, ध्यान से सुनो, यह गाना कितना प्यारा है।
8. यदि किसी वाक्य में ‘पर, परन्तु, इसलिए, अत:, क्योंकि, बल्कि, तथापि, जिससे,’ आदि होता है, तो उसके पहले अल्प विराम चिन्ह लगाते है, और यदि कोई वाक्य ‘बस, वस्तुतः, अच्छा, वास्तव में,’ आदि से आरम्भ होता है, तो इन शब्दों के बाद अल्प विराम चिन्ह लगाते है। जैसे –
- राम बहुत अच्छा लड़का है, क्योंकि वह रोज स्कूल जाता है।
- जीवन में सब कुछ है बस, कमी है तो एक अच्छे दोस्त की।
9. जब किसी वाक्य में दिनांक के साथ माह का नाम तथा सन्, संवत् आदि लिखना हो तो उसके पहले अल्प विराम का प्रयोग करते है और गणित के अंकों को लिखते समय भी अल्प विराम का प्रयोग करते है। जैसे –
- 22, मई, सन् 1997
- 5, 10, 20, 30, 40, 50
- 1,00,000,000,000
अर्द्ध विराम (;) –
वाक्य में पूर्ण विराम की अपेक्षा कम और अल्प विराम की अपेक्षा अधिक समय तक रुकने के लिए अर्ध विराम का प्रयोग करते है।
इस चिन्ह का प्रयोग निम्नलिखित अवस्थाओं में किया जाता है –
1. विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले दो उपवाक्यों के बीच में प्रयोग किया जाता है, जैसे –
- वह क्षमा माँगता रहा; लोग उसे पीटते रहे।
- वह मुझसे प्रेम करता है; मैं उससे घृणा करती हूँ।
2. अर्द्ध विराम का प्रयोग समानधिकृत वाक्यों के बीच किया जा सकता है।
- वह देर से सो कर उठा; नहा-धोकर जल्दी से नाश्ता किया; अपना बैग लेकर स्कूल चला गया।
- सोनी स्कूल से सीधे घर पहुंची; हाथ-मुंह धोकर खाना खाया; साइकल और बाग लेकर ट्यूशन चली गई।
3. मिश्र वाक्य में प्रधान उपवाक्य तथा कारणवाचक क्रियाविशेषण के बीच में अर्द्ध विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
- आज प्रिंस विद्यालय नहीं आ सका; क्योंकि उसे बुखार है।
- लगातार वर्षा होती रही; इसलिए मैं तुमसे मिलने न आ सका।
प्रश्नवाचक चिन्ह (?) –
इस चिन्ह का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है या यदि किसी वाक्य में प्रश्न पूछे जाने का भाव उत्पन्न होता हो, वहाँ पर वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्नवाचक को (?) चिह्न से दर्शाया जाता है, अंग्रेजी भाषा में इसे ‘क्वेश्चन मार्क’ (Question Mark) कहा जाता है, प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग निम्न परिस्थितियों में किया जाता है।
1. जब वाक्य में अनिश्चय की स्थिति उत्पन्न होती है तो वहाँ पर प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग करते है, जैसे –
- लगता है आप बहुत थक गए है?
- क्या ये चाय फीकी है?
2. जिस किसी वाक्य में व्यंग्य की स्थिति उत्पन्न होती हो वहाँ पर इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है, जैसे –
- तुम ही हो न, जो कल रात पार्टी में थे?
- तुम्हारा दोस्त तो बहुत शौकीन है?
3. जब किसी वाक्य में शुद्ध-अशुद्ध या वास्तविकता का संदेह होता हो तो वाक्य के बीच में ही शब्द के बगल में कोष्ठक लगा दिया जाता है, जैसे –
- मुगलों का इतिहास हजारों वर्षों (?) पुराना है।
- वे घर पर कुछ देर में (?) आएंगे।
4. जब एक ही वाक्य में अनेक प्रश्नवाचक उपवाक्य आए हों और सभी एक प्रमुख प्रश्नवाचक वाक्य पर आश्रित हों तो प्रत्येक प्रश्नवाचक उपवाक्यों के अन्त में अल्प विराम चिन्ह लगाकर, सबसे अन्त में प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है, जैसे –
- श्याम ने क्या खाया, क्या पिया, उसके पास कितने पैसे है, यह तुम क्यों पूछ रहे हो?
- धरती गोल है, सौरमंडल में 8 ग्रह है, हमारी धरती सूर्य का चक्कर लगती है, हमें ये कैसे पता चला?
5. जिन वाक्यों में आज्ञा देने का भाव उत्पन्न होता हो उसमें प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग नहीं किया जाता है, जैसे –
- आज की तारीख बताओ।
- भारत की राजधानी बताओ।
विस्मयादिबोधक चिह्न (!) –
हर्ष, विवाद, विस्मय, घृणा, आश्रर्य, करुणा और भय आदि की स्थिति उत्पन्न हो वहाँ पर विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग अव्यय से पहले किया जाता है।
अंग्रेजी में इसे ‘इंटरजेक्शन’ (Interjection) कहा जाता है और इसे ‘!’ चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है।
इस चिन्ह का प्रयोग, समूह को संबोधित करते समय सम्बोधन सूचक शब्दों के बाद किया जाता है, जैसे-
- अरे! ये सब क्या है?
- वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।
- मित्रों! जीवन कभी आसान नहीं होता, इसे आसान बनाना पड़ता है।
- भाई और बहनो! ये देश आप सबके सहयोग और समर्पण की वजह से ही महान बन पाया है।
योजक चिह्न (–) –
योजक चिन्ह का प्रयोग किसी वाक्य के बीच दो शब्दों के बीच परस्पर संबंध को स्पष्ट करने और उन्हें साथ लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है।
अंग्रेजी भाषा में, योजक चिह्न को ‘हाइफ़न’ (Hypen) कहते है और इसे (–) चिह्न से प्रदर्शित करते है।
1. तत्पुरुष और द्वंद्व समास के दोनों पदों के बीच में इसका प्रयोग किया जाता है, जैसे – पाप-पुण्य, भी-बहन, नर-नारी, किस्से-कहानियाँ, गंगा-जमुना इत्यादि।
2. जहां पर एक शब्द की दो बार आवृति होती हो वहाँ पर योजक चिन्ह का प्रयोग दोनों शब्दों के बीच किया जाता है, जैसे – चलते-चलते, गली-गली, सोते-सोते इत्यादि।
3. तुलनात्मक शब्दों ‘सा’, ‘से’, ‘सी’ से पूर्व योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है, जैसे –
- भरत-सा भाई होना मुश्किल है।
- कृष्ण-से सखा भाग्यशाली को मिलते है।
4. एक अर्थ वाले सहचर शब्दों के बीच में और सार्थक-निरर्थक शब्दों के बीच में योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है, जैसे –
- मान-मर्यादा, काल-समय, दिन-दोपहर
- फल-वल, पानी-वानी, चाय-वाय
निर्देशक चिह्न (—) –
इस चिन्ह का प्रयोग किसी कथन, विवरण, विषय, विवाद, शीर्षक के आगे, कथोपकथन के नाम के आगे, किसी सूची से पहले, कहना, बोलना, लिखना, बताना, आदि शब्दों के बाद तथा उदाहरण देने के लिए निर्देशक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
अंग्रेजी में इसे ‘डैश’ (Dash) कहा जाता है तथा इसे (―) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है, निर्देशक चिन्ह के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है –
- सीता – हमारे प्रभु श्रीराम ही मेरे सबकुछ है, मैं उनके बिन कुछ नहीं। (कथन)
- सुभाष चंद्र बॉस ने कहा — ”तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा।”
- जैसे – सेब, केला, आम, लीची, बेर, अमरूद आदि। (उदाहरण के बाद)
- विषय – भारत में शिक्षा को बढ़ावा देने के संबंध में। (विषय के बाद)
- भारत एक खोज – वर्तमान में भारत अपनी दुगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है…. (शीर्षक)
- PT करने वाले बच्चों की सूची – सीमा, सुरुचि, नीति, सौम्या, विनीता। (सूची के पहले)
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उद्धरण चिह्न ( ‘ ‘ ) ( “ ”) –
किसी महान व्यक्ति की बात को कहने या किसी बात को जोर देकर कहने उसपर ध्यान आकर्षित करने के लिए उद्धरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है ।
अंग्रेजी भाषा में उद्धरण चिन्ह को ‘इनवर्टेड कॉमा’ (Inverted Comma) कहते है और इसे (‘ ‘) तथा (” “) से प्रदर्शित करते है।
इनवर्टेड कॉमा दो प्रकार के होते है –
सिंगल इनवर्टेड कॉमा –
इकहरा उद्धरण चिन्ह या सिंगल इनवर्टेड कॉमा ( ‘ ‘ ) का प्रयोग किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, पुस्तक, समाचार पत्र, पत्रिका आदि का नाम लिखते समय किया जाता है, जैसे –
‘भगवद् गीता’ पढ़ने से जीवन के सभी पहलुओं को समझने में आसानी होती है।
‘अभिज्ञान-शाकुंतलम्’ कवि कालिदास की अमर रचना है।
डबल इनवर्टेड कॉमा –
दोहरा उद्धरण चिन्ह या डबल इनवर्टेड कॉमा को, किसी कथन या किसी महापुरुष के कहे गए वाक्य को ज्यों का त्यों लिखते समय इस चिन्ह का प्रयोग करते है, जैसे –
- माँ ने कहा, “मैं बाजार जा रही हूँ।”
- “मुझे जलेबी बहुत पसंद है” सुमित ने किशोर से खाते हुए कहा।
कोष्ठक चिन्ह ([{()}]) –
कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग किसी शब्द को स्पष्ट करने, जानकारी देने, अभिनय के संकेतों को स्पष्ट करने लिए तथा क्रम सूचक अंकों अथवा अक्षरों के लिए किया जाता है।
अंग्रेजी में कोष्ठक चिन्ह को ‘ब्रैकेट’ (Bracket) कहा जाता है और इसे ‘()’ प्रदर्शित किया जाता है।
कोष्ठक चिन्ह तीन प्रकार के होते है, लेकिन हिन्दी भाषा में मुख्यतः लघु कोष्ठक (Parentheses)का प्रयोग किया जाता है, अन्य चिन्हों का प्रयोग गणित में, विज्ञान में किया जाता है।
कोष्ठक | चिन्ह |
लघु कोष्ठक (Parentheses) | () |
मझला कोष्ठक (Braces) | {} |
दीर्ध कोष्ठक (Square brackets) | [] |
लघु कोष्ठक चिन्ह के उदाहरण –
- यह हमारी शक्ति (सामर्थ्य) के बाहर है। (शब्द को स्पष्ट करना)
- कृषक (किसान) हमारे लिए अन्नदाता है। (शब्द को स्पष्ट करना)
- सैनिक (प्रणाम करते हुए) – महाराज की जय हो। (अभिनय के संकेत)
- राज्य (प्रसन्न होकर) – तुम्हें इसका इनाम अवश्य मिलेगा। (अभिनय के संकेत)
- संधि तीन प्रकार की होती है – (क) स्वर (ख) व्यंजन (ग) विसर्ग (क्रम सूचक अंक)
लाघव चिह्न (०) –
लाघव चिह्न का प्रयोग किसी बड़े अथवा प्रसिद्ध शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए किया जाता है।
अंग्रेजी भाषा में इसे ‘एब्रेवेशन’ (Abbreviation) कहते है और इसे ‘०’ अथवा ‘.’ से प्रदर्शित किया जाता है।
किसी शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए उस शब्द के पहले अक्षर को लिखकरे उसके आगे शून्य या डॉट लगा देते है, जैसे –
- मास्टर ऑफ आर्ट्स – एम0 ए0
- बैचलर ऑफ आर्ट्स – बी0 ए0
- भारतीय जनता पार्टी – बी0 जे0 पी0
- समाजवादी पार्टी – स0 पा0
| हिंदी विराम चिन्ह लिस्ट | हिंदी के विराम चिन्ह | हिंदी में विराम चिन्ह | विराम चिन्ह इन हिंदी | हिंदी विराम चिन्ह | विराम चिन्हों का प्रयोग | हिंदी विराम चिन्ह के नाम
विस्मरण चिह्न (^) –
यदि किसी वाक्य में कोई शब्द या अक्षर लिखते समय छूट जाता है, तो उस छूटे हुए शब्द या अक्षर को दर्शाने के लिए, इस चीन का प्रयोग किया जाता है।
विस्मरण चिन्ह को त्रुटिपूरक चिह्न या हंसपद भी कहा जाता है अंग्रेजी में इसे ‘Oblivion Sign’ कहते है और इसे (^) से प्रदर्शित किया जाता है।
विस्मरण चिन्ह के उदाहरण –
विकास ने आज ^ नहीं खाया। (खाना)
तुम ^ क्यों नहीं गए? (विद्यालय)
ये किताब तो ^ अच्छी है। (बहुत)
विवरण चिन्ह (:-) –
किसी के द्वारा काही गई बात को स्पष्ट करने अथवा किसी कि बात का विवरण प्रस्तुत करने के लिए वाक्य के अंत में इस चिन्ह का प्रयोग करते है।
सामान्य तौर पर विवरण चिन्ह का प्रयोग निर्देशक चिन्ह की तरह ही होता है, लेकिन विशेष रूप से जब किसी विवरण को प्रारम्भ करना होता है अथवा किसी कथन की शुरुआत करते समय इस चिन्ह का प्रयोग करते है।
अंग्रेजी में विवरण चिन्ह को “Description Symbol” कहा जाता है और इसे (:-) से प्रदर्शित करते है।
विवरण चिन्ह के उदाहरण –
इन टास्क को जल्दी पूरा कीजिए :- टेबल, शीट बनाना, प्रोजेक्ट कार्य
पुरूषार्थ चार प्रकार के होते है :- काम, अर्थ और मोक्ष।
सप्ताह के सात दिन होते है :- सोमवार, मंगलवार, बुधवार….
अच्छी चीजें हमेश साथ होती है जैसे :- अभिवादन, स्वागत, अच्छा बोलना आदि।
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,) –
जब किसी वाक्य या वाक्य के अंश या शब्द को बार-बार लिखना हो तो उसे दोबारा लिखने से बचने के लिए पुनरुक्ति सूचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
अंग्रेजी में इसे “Repetition Indicator” कहा जाता है और इसे (,,) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है।
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह के उदाहरण –
रेखांकन चिह्न ( _ ) –
जब किसी शब्द या वाक्य पर पाठक का ध्यान आकर्षित करना हो तो उस महत्त्वपूर्ण शब्द, पद, वाक्य आदि के नीचे एक रेखा खींच दी जाती है, इस रखा को रेखांकन चिन्ह के नाम से जानते है।
अंग्रेजी में इसे “Underline” के नाम से कहा जाता है और इसे ( _ ) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है।
रेखांकन चिह्न के उदाहरण –
राम बड़े शक्तिशाली राजा थे।
यह खाना बहुत तीखा है।
इस फूल की खुशबू बहुत अच्छी है।
पदलोप चिह्न (…) –
जब किसी वाक्य अथवा अनुच्छेद में कुछ भाग छोड़कर लिखना हो तो वहाँ पर पदलोप चिन्ह का प्रयोग करते है।
इसे अंग्रेजी में “Footprint Mark” कहा जाता है और इसे (…) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है, यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि इस चिन्ह का प्रयोग हमेशा तीन के गुणज में किया जाता है।
पदलोप चिन्ह के उदाहरण –
राम ने कहा – ये समान मेरा नहीं है… इसलिए मैं तुम्हें लौट रहा हूँ।
आज विकास का जन्मदिन है… ढेर सारा केक खाने को मिलेगा।
देखो यह खितनी खूबसूरत चीज है… …
उप विराम (:) –
वाक्य में जब किसी शब्द को पहले शब्द से अलग दिखाना हो तो वहाँ पर उप विराम चिन्ह का प्रयोग करते है।
‘उप विराम’ को ‘अपूर्ण विराम’ के नाम से भी जाना जाता है, उप विराम को अंग्रेजी में “Colon” कहा जाता है और इसे (:) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है।
उप विराम चिन्ह के उदाहरण –
छोटा : बड़ा
जनसंख्या विस्फोट : बढ़ती बेरोजगारी का कारण
अच्छी आदतें : अच्छा मन
समानता सूचक चिह्न (=) –
समानता सूचक चिह्न का प्रयोग किसी शब्द अथवा गणित के अंकों के बीच बराबरी या समानता अथवा तुल्यता दर्शाने के लिए किया जाता है।
अंग्रेजी में समानता सूचक चिह्न को “Equality Indicator” कहा जाता है और इसे (=) चिन्ह से प्रदर्शित करते है।
समानता सूचक चिह्न के उदाहरण –
20 और 30 = 50
राम = श्याम
एक दर्जन केले = दो किलो सेब
दीर्घ उच्चारण चिह्न (S) –
जब किसी विशेष शब्द के उच्चारण में अन्य शब्दों की अपेक्षा अधिक समय लगता है तो वहां उस शब्द पर जोर देने के लिए दीर्घ उच्चारण चिन्ह (S) का प्रयोग करते है।
अंग्रेजी में दीर्घ उच्चारण चिह्न को “Long Accent” कहते है और इसे (S) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है।
दीर्घ उच्चारण चिह्न के उदाहरण –
वाSSSह क्या बात है!
अच्छाSSS तो तुम अभी खाना खा रहे है।
चलोSSS तुम्हारा और हमारा सफर यही तक था।
बिना पढ़े विराम चिन्ह के बारे में जानने के लिए यह विडिओ देखें –
Summary –
भाषा में चिन्हों का बहुत महत्व होता है, ये चिन्ह ही है जो किसी वाक्य के अर्थ को निर्धारित करते है, चाहे पढ़ते समय हो या लिखते समय चिन्ह ही हमें वाक्यों के भावार्थ समझने में सहायता करते है।
केवल शब्दों के माध्यम से हम कुछ भी लिख या बोलकर नहीं बता सकते है, इसके लिए उचित ठहराव और तेज जरूरी है और बिना चिन्हों के यह संभव नहीं है, इसलिए हर स्टूडेंट को चिहों के बारे में जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
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