भारत के 23 राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची और उनकी पूरी जानकारी | National Symbols Of India In Hindi | भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची | भारत के राष्ट्रीय प्रतीक | National Symbols Of India For Kids
किसी भी देश के राष्ट्रीय चिन्ह उस देश की पहचान होती है, राष्ट्रीय चिन्ह न केवल देश के अंदर बल्कि पूरे विश्व में उस देश का प्रतिनिधित्व करते है, हर देश की तरह भारत में भी अलग-अलग राष्ट्रीय स्मृति के आधार पर राष्ट्रीय चिन्ह बनाए गए है।
Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, भारत के 23 राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची के बारे में, साथ ही इनसे जुड़े इतिहास और फ़ैक्ट के बारे में भी बात करेंगे, उम्मीद करता हूँ आपको इससे कुछ न कुछ अवश्य सीखने को मिलेगा।
राष्ट्रीय चिन्ह किसे कहते है? –
किसी भी देश का राष्ट्रीय चिन्ह एक प्रतीक या मुहर है जिसे किसी राष्ट्र या बहु-राष्ट्रीय राज्य द्वारा अपने पहचान के रूप में उपयोग के लिए रिजर्व किया गया होता है।
आमतौर पर राष्ट्रीय चिन्ह का प्रयोग, मुद्रा, सरकारी कागजों, अभिलेखों, दस्तावेजों, प्रपत्रों तथा गोवर्मेंट से संबंधित अन्य सभी डॉक्यूमेंट इत्यादि पर किया जाता है।
राष्ट्रीय प्रतीक, भारत की राष्ट्रीय पहचान का आधार है, इसकी विशिष्ट पहचान किसी भी देश की विरासत का भी पहचान है, जो उस देश की आम जनता के दिलों में देशभक्ति और गर्व की भावना संचार करता है।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय चिह्न संबंधित देश के ऐतिहासिक-सांस्कृतिक इतिहास एवं वर्तमान मूल्यों और आदर्शों से संबंधित होता है।
राष्ट्रीय चिह्न के चुनाव में किसी प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहर या बिल्कुल नया चिन्ह भी हो सकता है।
भारत में लगभग सभी राष्ट्रीय चिन्ह किसी न किसी ऐतिहासिक धरोहर से ही चुने गए है, राष्ट्रीय चिन्हों के चयन में प्रारूप समिति के द्वारा “डॉ भीमराव अंबेडकर जी” ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भारत के 23 राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची –
वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों की संख्या 27 है, नीचे भारत से सभी राष्ट्रीय प्रतीकों, चिन्हों और संकेतों के बारी में सूची दी गई है।
राष्ट्रीय चिन्हों के नाम | प्रतीक |
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह | अशोक स्तम्भ |
भारत का राष्ट्रीय ध्वज | तिरंगा |
भारत का राष्ट्रीय गीत | वन्दे मातरम् |
भारत का राष्ट्रगान | जन-गण-मन |
भारत का राष्ट्रीय नारा | श्रमेव जयते |
भारत का राष्ट्रीय ध्वज गीत | ‘हिंद देश का प्यारा झंडा’ और ‘झण्डा ऊंचा रहे हमारा’ |
भारत की राष्ट्रीयता | भारतीय |
भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य | सत्यमेव जयते |
भारत का राष्ट्रीय पंचांग | शक संवत |
भारत की राष्ट्रीय लिपि | देवनागरी |
भारत की राजभाषा | हिंदी |
भारत के राष्ट्रपिता | महात्मा गाँधी |
भारत का राष्ट्रीय सूचनापत्र | श्वेत पत्र |
भारत का राष्ट्रीय पुरस्कार | भारत रत्न |
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा | रूपया (₹) |
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष | बरगद |
भारत का राष्ट्रीय पशु | बाघ |
भारत का राष्ट्रीय पक्षी | मोर |
भारत का राष्ट्रीय फल | आम |
भारत का राष्ट्रीय फूल | कमल |
भारत की राष्ट्रीय मिठाई | जलेबी |
भारत का राष्ट्रीय पकवान | खिचड़ी |
भारत की राष्ट्रीय नदी | गंगा |
भारत की राष्ट्रीय योजना | पंच वर्षीय योजना |
भारत का राष्ट्रीय खेल | हॉकी |
भारत के राष्ट्रीय पर्व | 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) |
भारत के 23 राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची और उनकी पूरी जानकारी | National Symbols Of India In Hindi | भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची | भारत के राष्ट्रीय प्रतीक | National Symbols Of India For Kids
प्रमुख चिन्ह और उनके प्रतीक –
राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के अतिरिक्त ऐसे बहुत से चिन्ह या संकेत होते है, जिनके बारे में हम सभी को जानना चाहिए।
चिन्ह | प्रतीक |
कलम | संस्कृति एवं सभ्यता का प्रतीक |
कमल का फूल | संस्कृति एवं सभ्यता |
रेड क्रॉस | डॉक्टरी सहायता एवं अस्पताल |
लाल झंडा | क्रान्ति या खतरे का सूचक |
काला झंडा | विरोध का प्रतीक |
पीला झंडा | संक्रामक रोगग्रस्त लोगों को ले जाने वाले वाहन पर लगा झंडा |
उल्टा झंडा | संकट का प्रतीक |
सफेद झंडा | संधि या समर्पण का प्रतीक |
झुका झंडा | राष्ट्रीय शोक का प्रतीक |
कबूतर पक्षी | शान्ति का प्रतीक |
लाल प्रकाश | खतरा या यातायात रोकने का प्रतीक |
हरा प्रकाश | यातायात को जाने का संकेत |
बाँह पर काली पट्टी | शोक, विरोध और दुःख का प्रतीक |
चक्र | प्रगति का प्रतीक |
ओलिव की शाखा | शांति का प्रतीक |
आँखों पर बँधी पट्टी और हाथ में तराजू लिए स्त्री | न्याय का प्रतीक |
एक-दूसरे को काटती दो हड्डियाँ और उनके ऊपर खोपड़ी | बिजली का खतरा |
लाल त्रिकोण | परिवार नियोजन का प्रतीक |
राष्ट्रीय चिन्हों के बारे में जानकारी –
भारत का राष्ट्रीय चिह्न –
भारत का राष्ट्रीय चिह्न, उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सारनाथ नामक स्थान से लिया गया है, स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए है।
शेर के नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां उकेरी गई है।
और इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं, एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर ‘धर्मचक्र’ रखा हुआ है।
भारत सरकार के द्वारा यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया, इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा शेर पीछे होने के कारण नहीं दिखाई देता।
पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़े की आकृति बनी हुई है।
आधार का पदम छोड़ दिया गया है, दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं, फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र ‘सत्यमेव जयते’ देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- ‘सत्य की ही विजय होती है’।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज –
भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा भी कहते है, राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज पट्टियां हैं: गहरा केसरिया वर्ण सबसे ऊपर, श्वेत बीच में और हरा वर्ण सबसे नीचे है।
सबसे उपर केसरिया रंग, त्याग, बलिदान, देश की ताकत और साहस को दर्शाता है, बीच में स्थित श्वेत पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति, अहिंसा और सत्य का संकेत है, सबसे निचले हिस्से में स्थित हरा रंग देश के शुभ, विकास और हरियाली को दर्शाता है।
राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और चौड़ाई 3:2 अनुपात में होती है, ध्वज के बीच में मौजूद सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है, इसे धर्म चक्र या कानून का पहिया भी कहते है, चक्र में 24 तीलियां हैं जो समय के चौबीस घंटे को दर्शाती है।
कानून के नियमों के अनुसार तिरंगे का निर्माण हाथ से काते हुए कपड़े से हुआ है, इस कपड़े को खादी कहा जाता है।
भारतीय ध्वज कानून इसके उपयोग और प्रदर्शनी को नियंत्रित करता है और राष्ट्रीय दिवस को छोड़कर किसी भी नागरिक द्वारा निजी तौर पर तिरंगे का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
भारत का राष्ट्रीय गीत –
“वंदे मातरम्” का सबसे पहले प्रयोग साल 1880 में अपने सुप्रसिद्ध उपन्यास “आनंदमठ” में किया, इसी उपन्यास से प्रचलित हुए इस गीत का प्रयोग भारत देश (उस समय अंग्रेजों के अधीन था) की मातृभूमि मानने की भावना को प्रज्वलित करने वाले गीतों में ये प्रथम गीत है।
आजादी के दिनों में बंगाल में ‘बंग-भंग’ का आंदोलन पूरे जोरों शोरों पर था, आजादी के सेनानियों के लिए यह गीत एक पवित्र मंत्र बन गया, इस गीत ने उस समय हर देशवासी के मन में देशभक्ति की भावना भर दिया।
भारत का राष्ट्रगान –
‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान है, यह बंगाली भाषा में “गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर” द्वारा लिखा गया था, राष्ट्रगान के गाने की अवधि 52 सेकंड है।
राष्ट्रगान का एक संक्षिप्त रूप भी है, जिसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं और इसे पूरा बोलने में लगभग २० सेकेण्ड का समय लगता है, संक्षिप्त राष्ट्रगान को कुछ अवसरों के उपलक्ष्य में गाया जाता है।
राष्ट्रगान के सर्वप्रथम 27 दिसंबर सन् 1911 कलकत्ता में कांग्रेस के अधिवेशन में, दोनों भाषाओं (बंगाली और हिन्दी) में गाया गया था, आजादी के लगभग 13 वर्षों बाद 24 जनवरी सन् 1950 को भारत की संविधान सभा ने “जन-गण-मन” को हिन्दुस्तान के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।
भारत का राष्ट्रीय नारा –
विकिपिडिया के अनुसार, “जय जवान जय किसान” भारत का एक प्रसिद्ध नारा है, सर्वप्रथम इस नारे का प्रयोग 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था।
इसे भारत का राष्ट्रीय नारा भी कहते हैं जो जवान एवं किसान के श्रम को दर्शाता है, इसके अलावा “श्रमेव जयते” भी भारत के राष्ट्रीय नारे के रूप में जाना जाता है।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज गीत –
भारत के राष्ट्रीय ध्वज गीत “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा” गीत को “श्यामलाल गुप्त” (पार्षद) ने लिखा था।
पहली बार इस गीत को 13 अप्रैल 1924 को जलियांवाला बाग शहीद दिवस में गाया गया था।
1938 के कांग्रेस अधिवेशन में इस गीत को स्वीकार किया गया था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1924 में इस गीत को आधिकारिक ध्वज गीत के रूप में स्वीकार किया।
वर्ष 1938 में हरिपुरा में हुए कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने इसे देश के “झण्डा गीत” की स्वीकृति दी।
इस अधिवेशन में नेताजी ने झण्डारोहण किया और वहाँ मौजूद करीब पाँच हजार लोगों ने “श्यामलाल गुप्त” (पार्षद) द्वारा रचे झण्डा गीत को एक सुर में गाया।
भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य –
भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य “सत्यमेव जयते” है, जिसका अर्थ होता है “सत्य की जीत”।
देवनागरी लिपि में लिखा गया यह वाक्य, भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे लिखा गया है।
मूल रूप से मुंडक उपनिषद से, “सत्यमेव जयते” यह का नारा पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1918 में दिया था, बाद में यह नारा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोकप्रिय हो गया, उस समय हर क्रांतिकारी देशवासी के दिलों में यह बस गया था।
भारत का राष्ट्रीय पंचांग –
भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर या भारतीय राष्ट्रीय पंचांग, (संक्षिप्त नाम – भारांग) शक संवत पर आधारित भारत में उपयोग में आने वाला सरकारी सिविल कैलेंडर है।
22 मार्च 1947 को राष्ट्रीय कैलेंडर के रूप में, ग्रेगेरियन कैलेंडर के साथ-साथ इसे अपनाया गया।
राष्ट्रीय कैलेंडर का प्रयोग भारत का राजपत्र, आकाशवाणी द्वारा प्रसारित समाचार और भारत सरकार द्वारा जारी संचार विज्ञप्तियों मे ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ किया जाता है।
भारतीय राष्ट्रीय पंचांग का प्रथम माह चैत्र होता है, राष्ट्रीय कैलेंडर की तिथियाँ ग्रेगोरियन कैलेंडर की तिथियों से स्थायी रूप से मिलती-जुलती हैं और चन्द्रमा की कला (घटने और बढ़ने) के अनुसार माह में दिनों की संख्या निर्धारित की जाती है।
भारत की राष्ट्रीय लिपि –
हिंदी भाषा को शब्दों के रूप में लिखने के लिए हम जिस लिपि का प्रयोग करते है, उसे “देवनागरी लिपि” कहा जाता है।
देवनागरी लिपि अधिकतर भाषाओं की तरह ही बाएं से दायें तरफ की ओर लिखी जाती है, इस लिपि में प्रत्येक शब्द के ऊपर एक रेखा खींची होती है, इस रेखा को शिरो रेखा कहते है।
भारतीय भाषाओं के किसी भी शब्द या ध्वनि को देवनागरी लिपि में ज्यों का त्यों लिखा जा सकता है और फिर लिखे पाठ को लगभग उसी तरह (‘हू-ब-हू’) उच्चारण किया जा सकता है।
भारत की राजभाषा –
भारतीय गणराज्य की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है, वर्तमान में संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है।
हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जाता है, संविधान सभा ने लम्बी चर्चा के बाद 14 सितम्बर सन् 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा स्वीकार की गई।
और इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को “हिन्दी दिवस” के रूप में मनाया जाता है, यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा का उल्लेख नहीं किया गया है, राष्ट्रभाषा के स्थान पर “राजभाषा” शब्द का प्रयोग किया जाता है।
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Summary –
राष्ट्रीय प्रतीक किसी भी देश के लिए न सिर्फ एक पहचान है बल्कि उस राष्ट्र की धरोहर भी है, यदि यह प्रतीक किसी इतिहास से जुड़ा है तो यह हमारे अतीत को भी बताता है, ताकि हम आने वाले भविष्य में सही राह चुन सकें।
तो दोस्तों, भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं नीचे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से, यदि आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव है तो इसे हमारे साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद 🙂
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