Credit Score Kya Hota Hai? | क्रेडिट स्कोर क्या होता है? | Cibil Score Kya Hai | Cibil Score Kitna Hona Chahiye | CRIF Highmark Score Kya Hai
आज के समय में चाहे लोन लेना हो या क्रेडिट कार्ड के फायदे उठाने हों, इसके लिए अच्छे क्रेडिट स्कोर का होना बहुत जरूरी है।
खराब क्रेडिट स्कोर के होने पर फाइनेंशियल इमरजेंसी में आपको लोन लेने में बड़ी समस्याएं आती है।
Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, क्रेडिट स्कोर क्या है? इसके क्या फायदे है? क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाते है? क्रेडिट स्कोर कम होने के क्या कारण है? जानेंगे इन सारी चीजों के बारे में उम्मीद करता हूँ आपको यह पसंद आएगा।
क्रेडिट स्कोर क्या होता है? –
जब भी आप किसी भी बैंक के क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते है तो बैंक के द्वारा तय की गई लिमिट तथा आपके द्वारा कार्ड के प्रयोग के आधार पर हर महीने एक स्कोर निर्धारित किया जाता है, जिसे क्रेडिट स्कोर कहा जाता है।
क्रेडिट स्कोर जितना ज्यादा होता है, यह उतना ही अच्छा माना जाता है, अच्छे क्रेडिट स्कोर से आप कहीं पर लोन लेना चाहें या किसी दूसरे बैंक के क्रेडिट कार्ड को लेना चाहें तो आसानी से ले सकते है।
क्रेडिट स्कोर देने का काम क्रेडिट ब्यूरो करते है ये एक आरबीआई के द्वारा रजिस्टर्ड कंपनियां होती है, जो कि उधर लेने वाले ग्राहकों को एक स्कोर देती है, चाहे वह कोई ग्राहक हो या कोइओ कंपनी हो।
इसी क्रेडिट स्कोर के आधार पर किसी भी व्यक्ति या बिजनेस की फाइनेंसियल कंडीशन को आँका जाता है।
आरबीआई ने भारत में चार कंपनियों को इस काम के लिए अप्रूवल दिया है, जो कुछ इस प्रकार से है,
- 1. Transuniun CIBIL,
- 2. Experian,
- 3.Equifax,
- 4. CRIF Highmark
ये चारों कंपनियां किसी भी व्यक्ति या कंपनी को 300 से लेकर 900 के बीच में एक स्कोर देती है, जिसमें 300 को सबसे खराब और 900 के सबसे अच्छा स्कोर माना जाता है।
इन चारों क्रेडिट ब्यूरो के स्कोर में आपको 25 से 50 पॉइंट तक का डिफरेंस देखने को मिलता है और ये डिफरेंस इस लिए होता है कि ये सभी ब्यूरो किसी भी यूजर के सिबील को मापने के लिए अपने-अपने ऐल्गरिदम का प्रयोग करते है।
Cibil Score Kya Hai –
क्रेडिट स्कोर को बताने वाली कंपनियों में से “CIBIL” (Credit Information Bureau of India Limited) भी एक ऐसी कंपनी है जो अपने ऐल्गरिदम से किसी भी क्रेडिट कार्ड धारक का उसके प्रयोग के आधार पर एक क्रेडिट स्कोर निर्धारित करती है।
CIBIL का फुल फॉर्म “क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड” होता है, यह कंपनी भारत के ही नागरिक और संगठनों का क्रेडिट से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी का रिकॉर्ड रखती है।
इसके द्वारा बनाए गए स्कोर को सिबील स्कोर के नाम से जाना जाता है, क्योंकि आमतौर भारत में इसी कंपनी के क्रेडिट स्कोर के बारे में लोग ज्यादा जानते है, इसलिए लोग क्रेडिट स्कोर को सिबील स्कोर के नाम से ही बुलाते है।
सिबील यूजर्स के क्रेडिट स्कोर को मापने के लिए पिछले दो साल के फाइनेंशियल डेटा को देखता है, जिसके बाद अपनी कैलकुलेशन के आधार पर एक स्कोर देता है।
Cibil Score Kitna Hona Chahiye –
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच में कही भी हो सकता है, यदि किसी क्रेडिट कार्ड धारक का सिबिल स्कोर 300 है तो इसे खराब स्कोर माना जाता है।
300 से कम स्कोर – Poor
300 तथा 750 के बीच में – Good
750 से ज्यादा स्कोर – Exelent
Experian Score Kya Hota Hai? –
Experian भी भारत में आरबीआई द्वारा प्रमाणित एक ब्यूरो है जो किसी भी व्यक्ति या बिजनेस के क्रेडिट के बारे में बताता है, Experian किसी भी क्रेडिट स्कोर को जनरेट करने के लिए पिछले तीन साल का डेटा देखता है, जिसके आधार पर एक क्रेडिट स्कोर निर्धारित करता है।
Experian कंपनी के द्वारा दिखने वाला क्रेडिट स्कोर आमतौर पर सिबील स्कोर से ज्यादा दिखता है कभी-कभी तो इसमें 100 पॉइंट से भी ज्यादा का अंतर देखने को मिलता है।
CRIF Highmark Score Kya Hai? –
क्रिफ़ हाईमार्क क्रेडिट स्कोर लगभग सिबील स्कोर की तरह ही है, जिस तरह से सिबील में 750 से ऊपर के स्कोर को Good की कैटगरी में रखा जाता है उसी प्रकार से क्रिफ़ हाईमार्क भी काम करता है।
हालांकि क्रिफ़ हाईमार्क किसी भी यूजर के क्रेडिट स्कोर को निर्धारित करने के लिए अपनी अलग एल्गोरिदम के कैलकुलेशन को प्रयोग करता है।
Equifax Score Kya Hai? –
बाकी सभी क्रेडिट ब्यूरो की तरह इक्वीफैक्स भी आरबीआई से प्रमाणित कंपनी है जो क्रेडिट स्कोर बताती है।
इक्वीफैक्स और बाकी सभी में एक बड़ा अंतर यह है कि ये किसी भी यूजर के क्रेडिट स्कोर को बनाने के लिए पिछले सात साल तक के डेटा को यूज करते है।
यदि आपके पास सात साल से कम की क्रेडिट हिस्ट्री है तो इसमें आपको कोई भी क्रेडिट नहीं दिखाई देगा।
कुल मिलकर इक्वीफैक्स किसी भी यूजर के क्रेडिट स्कोर को निर्धारित करने के लिए काफी कड़े नियमों का पालन करता है।
डिफरेंट क्रेडिट स्कोर के कारण –
चारों कंपनियों के द्वारा अलग-अलग क्रेडिट स्कोर मिलने के कुछ कारण है जो इनके सिस्टम के कार्य करने के तरीकों पर आधारित है –
Diffrent Scoring Model –
सभी कंपनियां अपने अलग स्कोरिंग मॉडल का प्रयोग करती है, स्कोर बनाने के लिए ये सिस्टम बहुत ही जटिल गणनाओं के द्वारा अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए रिजल्ट बनाते है।
अब क्योंकि इनके अलग-अलग तरीके है तो इससे रिजल्ट भी अलग देखने को मिलता है, लेकिन साधारणतः ये कुछ चीजें है जिसे जरूर ध्यान में रखा जाता है –
- यूजर की क्रेडिट हिस्ट्री
- क्रेडिट कार्ड लिमिट यूटिलाइजेशन
- लोन अकाउंट के प्रकार
- हाल ही में लिए गए लोन और इन्क्वायरीज
- कुल डेट (Debt)
- क्रेडिट की उम्र और सीमा
Time Difference between Two Reports –
CRIF और Experian पिछले तीन साल के डेटा को यूज करते है स्कोर को निर्धारित करने के लिए जबकि CIBIL पिछले दो साल के डेटा को यूज करता है, स्कोर बनाने के लिए।
इन तीनों से अलग Equifax पिछले सात साल तक के deta डेटा को यूज करता है स्कोर बनाने के लिए तो यदि आपका सिबील और एक्सपेरीयंस का स्कोर दिखता है तो हो सकता है कि इक्वीफैक्स का डाटा ही न दिखे यदि आपने पिछले दो-तीन साल में क्रेडिट कार्ड लिया हो तो।
इसके साथ ही क्रेडिट रिपोर्ट के जनरेट होने में टाइम डिफरेंस के कारण भी अलग-अलग स्कोर देखने को मिलता है।
Errors and Omissions –
क्रेडिट स्कोर में डिफरेंस का एक कारण और है और वह है एरर का होना, भारत में ब्यूरो लगभग 60 करोड़ से भी ज्यादा लोन अकाउंट को मैनेज करते है।
ऐसे कभी-कभी बार बैंक और क्रेडिट ब्यूरो के द्वारा गलत रिपोर्ट भी बन जाती है, इसलिए आपको हर महीने अपने क्रेडिट रिपोर्ट को रिव्यू करते रहना चाहिए।
Hard Pull Credit Inquiries –
स्कोर में डिफरेंस का चौथा यूनीक कारण है Hard Pull Credit Inquiries, Inquiries एकमात्र ऐसा डेटा सेट है सपेसेफिक क्रेडिट ब्यूरो के पास रहता है।
उदाहरण के लिए यदि आपने HDFC Bank में लोन के लिए अप्लाइ किया है और मॉर्गिज वर्टिकल (Mortgage Vertical) केवल सिबील के साथ काम करता है, तो आपकी क्रेडिट इन्क्वायरी केवल सिबील में नजर आएगी।
Cibil Score Kaise Kharab Hota Hai –
सिबील स्कोर खराब होने की कई सारी वजहें होती है, तो चलिए इन कारणों के बारे में बात करते है।
High Utilization –
जब भी किसी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड दिया जाता है तो उसपर एक लिमिट सेट होती है, धारक को उसी लिमिट के अंदर ही ट्रांजेक्शन करने की सीमा होती है।
जब कोई व्यक्ति क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करता है तो वह राशि उसकी लिमिट में से घटा दी जाती है और जब वह उसे वापस पे कर देता है तो फिर से उस कोटे को फिर से उतना बढ़ा दिया जाता है।
अब यदि मान लें कि आपको कुल एक लाख रुपये की लिमिट दी गई है, तो उस लिमिट के 30% हिस्से से ज्यादा का प्रयोग करते है तो क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है।
मतलब एक लाख रुपये की लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड के 30,000 रुपये से ज्यादा के प्रयोग करने पर क्रेडिट स्कोर बढ़ने की बजाय घटने लगता है।
भले ही आप उसको टाइम पर ईएमआई और रिपे क्यों न कर रहे हों, अधिकतर लोग इस चीज का ख्याल नहीं रखते है
EMI Default –
यदि आपने क्रेडिट कार्ड से कोई भी लें दें किया है तो उसका पेमेंट समय पर करना जरूरी है, यदि इसमें लेट करते है तो इसपर पेनल्टी तो लगती है साथ ही क्रेडिट स्कोर भी कम होने लगता है।
यहाँ पर एक बात और ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी आप क्रेडिट कार्ड से कोई लेन-देन करते है तो आपको अधिकतम 45 दिनों का इन्टरेस्ट फ्री विंडो मिलता है।
यदि आप इस टाइम से लेट करते है तो ये इन्टरेस्ट फ्री विंडो हटाकर जिस दिन से आपने ट्रांजेक्शन किया है उस दिन से उस राशि पर ब्याज भी लगा दिया जाता है।
Loan Enquiry –
अगर आप कई सारे बैंकों से लोन लेने के लिए इन्क्वायरी करते रहते है तो रुक जाइए, क्योंकि इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और आपका क्रेडिट स्कोर घाट जाता है।
इसके पीछे कारण यह है कि जब भी आप किसी भी बैंक में लोन लेने के लिए अप्लाइ करते है तो बैंक आपकी क्रेडिबिलिटी को चेक करने के लिए इन्क्वायरी करता है जिससे 5 से 10 पॉइंट तक भी सिबील घट जाता है।
क्रेडिट स्कोर कैसे जेनरेट होता है –
क्रेडिट स्कोर बनने के लिए आपके पास क्रेडिट कार्ड होना चाहिए, यदि आपने क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है तो कई ऐसी एप्स है जो Pay Later की सुविधा उपलब्ध कराती है।
यदि आप वहाँ पर रजिस्ट्रेशन करते है और आपको अप्रूवल मिलता है तो कुछ समय के बाद आपका क्रेडिट स्कोर बना जाता है।
क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाएं? –
क्रेडिट स्कोर कैसे बढ़ाते है, इसके बारे में हम किसी अन्य आर्टिकल में विस्तार से इसके बारे में बात करेंगे।
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Summary –
आज के समय में हमारे जीवन में क्रेडिट कार्ड एक महत्वपूर्ण भूमिका है, इमरजेंसी में यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है, लेकिन यह तभी संभव है जब इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए।
तो दोस्तों, क्रेडिट स्कोर क्या होता है? (Credit Score Kya Hota Hai) इसके बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं नीचे कमेन्ट बॉक्स में, इस विषय से जुड़ा आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे भी नीचे कमेन्ट में लिखना न भूलें।
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