Shiv Chalisa Lyrics in Hindi PDF Download | Shiv Chalisa Lyrics | शिव चालीसा | शिव चालीसा का महत्व | शिव चालीसा का पाठ कैसे करें | शिव चालीसा डाउनलोड करें
भगवान भोलेनाथ जी को उनकी सौम्य प्रकृति के साथ-साथ उनके रौद्र रूप के लिए जाना जाता है, अपने भोले स्वरूप के कारण ही वे भोलेनाथ कहे जाते है, भगवान भोलेनाथ.. शिव चालीसा का पाठ करने से अपने किसी भी भक्त से आसानी से मान जाते है और अपने प्रिय भक्तों को उनका मनचाहा वरदान देते है।
स्वागत है आपका इस लेख में आज हम भगवान भोलेनाथ के प्रिय शिव चालीसा (Shiv Chalisa Lyrics in Hindi ) के बारे में शिव चालीसा क्या है? शिव चालीसा का क्या महत्व है? तथा इसको लेकर भगवान भोलेनाथ की पूजन विधि के बारे में भी बात करेंगे।
शिव चालीसा का पाठ जीवन में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है, इसके पाठ करने से भक्त अपने जीवन के दुखों को दूर करके भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते है।
शिव चालीसा क्या है? –
शिव चालीसा को “शिव पुराण” नाम के ग्रंथ से लिया गया है और “शिव पुराण” के रचयिता “महर्षि वेद व्यास” हैं, यह पवित्र ग्रंथ देववाणी संस्कृत भाषा में लिखा गया है जिसमें 24 हजार श्लोक हैं।
शिव चालीसा, भगवान शिव की आराधना (स्तुति) करने के लिए एक सम्पूर्ण पाठ है, इसमें चालीस पंक्तियाँ होने के कारण इसे “चालीसा” के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह पाठ भगवान “शिव” के नाम पर है तो इसका नाम “शिव चालीसा” रखा गया है।
इस तरह शिव चालीसा का पाठ करके भक्त आसानी से अपने आराध्य भोलेनाथ को प्रसन्न कर लेते है और शिव जी के आशीर्वाद को प्राप्त करते है।
श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa Lyrics in Hindi) –
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4
मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा । सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28
धन निर्धन को देत सदा हीं । जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36
पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा । ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥
शिव चालीसा का महत्व –
हिन्दू धर्म में शिव चालीसा का खास महत्व है, सावन मे सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ लाभकारी होता है।
शिव चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है, व्यक्ति की सेहत ठीक रहती है और अपने भक्तों को शिव जी हर तरह के खतरे से बचाते हैं।
मन की शांति और भलाई के लिए शिव चालीसा बहुत ही लाभकारी पाठ है, इसे सम्पूर्ण भक्ति भाव से अपने जीवन में जरूर शामिल करें।
शिव चालीसा का पाठ करने के नियम –
पाठ करने के दिन, प्रातः जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करने के लिए मन से ईश्वर का ध्यान करें।
चालीसा का पाठ करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके एक सफेद आसन पर बैठे।
साथ ही पूजा में, बेलपत्र, कलावा, सफेद चंदन, चावल, सफेद आक के 11 फूल और पीले फूलों की माला, एक लोटे में जल भी रखें।
भोलेनाथ की मूर्ति के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं, बेलपत्र को उल्टा करके शिवलिंग पर अर्पित करें और अपनी सुविधानुसार 3, 5, 11 या 40 बार पाठ करें, पाठ करते समय शिवलिंग पर जल का पात्र रखें और भोलेनाथ को प्रसाद के रूप में मिश्री का भोग लगाएं।
पाठ खत्म होने के बाद लोटे के जल को घर में चारों तरफ छिड़क दें और प्रसाद को बच्चों में बाटें, यह पाठ लगातार 40 दिनों तक करने से व्यक्ति की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
शिव चालीसा लिरिक्स विडिओ (Shiv Chalisa Lyrics in Hindi) –
Shiv Chalisa Lyrics in Hindi PDF Download –
नीचे दिए गए इस लिंक पर क्लिक करके Shiv Chalisa Lyrics in Hindi के पीडीएफ़ फाइल को डाउनलोड कर सकते है –
अन्य चालीसा पाठ –
हनुमान चालीसा pdf | शिव चालीसा pdf | गायत्री मंत्र pdf |
शनि चालीसा pdf | गणेश चालीसा pdf | दुर्गा चालीसा pdf |
Summary –
तो दोस्तों, शिव चालीसा (Shiv Chalisa Lyrics in Hindi PDF Download) के बारे में यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं और यदि इस टॉपिक से जुड़ा आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे नीचे कमेन्ट बॉक्स में लिखना न भूलें, धन्यवाद 🙂
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