True Love Radha Krishna Quotes in Hindi | Love Radha Krishna Quotes | Krishna Quotes in Hindi | Radha Krishna Quotes | Krishna Quotes
जब भी प्रेम और त्याग की बात आती है तो उसमें श्री कृष्ण जी का नाम सबसे पहले आता है, जिस तरह से उनको राधा के नाम के साथ जोड़ा जाता है, वह अद्धभुत है।
और जब हम कृष्ण का नाम लेते है तो राधे कृष्ण कहते है, राधा का नाम कृष्ण जी से हमेशा पहले लिया जाता है, राधे कृष्ण से पहले आती है।
क्योंकि उनका प्रेम उनकी करीबी उनकी प्रेम लीला ने इस उपमहाद्वीप की पूरी संस्कृति की कल्पना में इस तरह जगह पाई है कि आज भी उनकी इस कहानी को लाखों-करोड़ों लोगों के द्वारा कही और सुनी जाती है।
Hello Friends, आज हम आपके लिए लेकर आये है, राधा-कृष्ण से जुड़े कुछ खास कोट्स लेकर, उम्मीद करता हूँ आपको यह जरूर पसंद आयेंगे।
True Love Radha Krishna Quotes in Hindi –
“कुछ प्रेम ऐसा भी होता है कि हाथ में हाथ नही होते पर एक दूसरे से दूर रहकर भी आत्मा से आत्मा बंधी होती है।”
“प्रेम कितना भी सच्चा क्यों ना हो शादी वही होती है जहां भाग्य में लिखा हो।”
“दोस्ती प्रेम और शादी जब एक इंसान से हो तो बहुत खूबसूरत सफर होता है ये जिंदगी का।”
“तुम्हारे साथ ना विवाह है और ना ही फेरे है बस एहसासों से हम तेरे है।”
“जो प्रेम में तकलीफ ना दे वो प्रेमी कैसा और जो प्रेम में तकलीफ ना सह सके वो प्रेमी कैसा।” emotional unconditional love radha krishna quotes
“तुझे भूलना तो मुमकिन नही है तू याद न आये ऐसा कोई भी दिन नही है।”
“मोहब्बत इस तरह सरेआम नही बस एक एहसास होना चाहिए कि हम उन्हें चाहते है और ये पता सिर्फ उन्हें होना चाहिए।”
“इस तरह से राधा और कृष्ण का मिलन तो नियति का एक बहाना था, जिसका कारण दुनिया को प्रेम का सही मतलब समझाना था।”
“अब मुझे होश ख्याल कहा रहता हैं, सब पर तो तुमने कब्जा कर रखा है।”
“जिंदगी के तमाम इत्तेफाकों से, सबसे खूबसूरत इत्तेफाक हो तुम”
“कोई भी इंसान इतना खूबसूरत नहीं जितना उसे चाहने वाला बना देता है”
”किसी ने पूछा हमसे हमारे प्रेम की कहानी हम मुस्कुराके बोले एक मुलाकात को तरस गई।”
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Radha Krishna Quotes in Hindi –
प्रेम जिसके कारण अधिकांश लोग श्री कृष्ण को जानते है वह उनके जीवन का एक छोटा सा हिस्सा है।
बाकी सारा जीवन तो उन्होंने राजनीतिक और अध्यात्मिक प्रक्रिया का मिलन कराने के लिए बीता दिया और इसमें उन्होंने अपार कष्ट सहा।
फिर भी हम उनको पूजते है क्योंकि वे हर परीस्थिति के बीच आनंदित थे, लेकिन उन्होंने इतनी सी कम उम्र में ही राधा के प्रति जो प्रेम और त्याग दर्शाया है, वह अद्भुत है।
“जीवन में प्यार उसी शख्स से करो जिससे तुमको कोई उम्मीद ना हो।”
“कितनी मासूम होती है ये दिल की धड़कनें कोई सुने या ना सुने ये खामोश नही रहती है।”
“तेरे बिना हर लम्हा सुना सा लगता है याद ना करु तुझे जिस पल गुनाह सा लगता है।”
श्री कृष्ण जी कहते है कि पार्थ – “जहां इंतजार ना हो वहां प्रेम व्यर्थ है… कृष्ण प्रेम है तो राधा प्रेम का अर्थ है।”
“प्रेम मन का भाव है सौदा नही तभी तो हर किसी से होता नही।”
“बहुत खूबसूरत होती है मोहब्बत की राहें यदि इसे निभाने वाला दिल का सच्चा हो।”
“सबको एक दिन मरना तो है ही एक दिन फिर मुझे चाहे मौत मारे या तुम्हारा ये इश्क।”
“प्यार की सच्ची कहानियों का कभी अंत नही होता।”
“अगर सच्ची मोहब्बत का अंजाम विवाह होता तो रुक्मिणी की जगह राधा का स्थान होता।”
“तुम्हारा तो पता नही लेकिन मेरा दिल बहुत तरसता है तुमसे बात करने के लिए।”
“मुझे मालूम था कि वो मेरा हो ही नही सकता मगर देखो मुझे फिर भी प्रेम हो गया उससे।”
“जीवन में कभी फुर्सत मिले तो उनका भी हाल पूछ लिया करो जिनके ह्रदय में दिल की जगह पर तुम बसते हो।”
“जिंदगी में प्रेम का मतलब सिर्फ वही जानते है जिसने कभी सच्चा प्रेम करके उसे खो दिया हो।”
“प्रेम है या प्रार्थना ये तो मालूम नही पर जो तुमसे है वो किसी और से नही।”
“सात फेरों का तो नही लेकिन आत्मा का गठबंधन है तुमसे।”
“ये हमेशा याद रखना कि प्यार का उम्र और रंग से कोई लेना देना नही होता जहां पर विचार मिलते है वही सच्चा प्रेम होता है।”
“बहुत कठिन है ये प्रेम के रास्ते फिर भी प्रतिक्षा की राधे ने श्री कृष्ण के वास्ते।”
“अगर देखा जाए तो प्रेम में तो सभी हारे है राधे, जो जीत गया उसने प्रेम ही कहां किया…।”
“प्रेम की दुनिया में किस्सा मशहूर है राधे जो दिल के करीब है वह नजरों से दूर है।”
“श्री कृष्ण कहते है, किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है और किसी का प्रेम पाना जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है !”
“कौन कहता है प्रेम सिर्फ दुख देता है सही से निभाओ तो जीवन बना देता है।”
“मेरे सीने से लग कर मेरे दिल की धड़कन तो सुनो राधे यह हर पल बस तुम्हारा ही नाम लेती है।”
“राधे, अगर तुम ये जानना चाहते हो कि मेरे दिल मे कौन है तो पहला लफ्ज़ दोबारा (फिर से) पढ़ लो।”
“कोई ऐसा खेल रचा दो की लोग कहे प्रभु हमें भी राधा कृष्ण बना दो।”
“मुझे तो पता नही कितना प्रेम हो गया है, तुम नहीं जानते कि तुमसे नाराज होने पर भी तुम्हारी बहुत याद आती है।”
“जो तुम्हारी खुशी में अपना दर्द भूल जाए उससे ज्यादा तुम्हें कोई प्रेम नही कर सकता।”
“सारी दुनिया की खुशी एक तरफ तुमसे मिलने की खुशी एक तरफ।”
“एक सच्चा प्रेम करने वाला व्यक्ति आपके प्रेम से ज्यादा आपकी इज्जत का ख्याल रखता है।”
श्री कृष्ण कौन है? –
जब कृष्ण की बात की जाती है तो उनके बारे में कई गलतफहमियाँ सामने आती है ज्यादातर लोग बस मक्खन बाँसुरी, राधा के प्रेम और गोपियों के बारे में ही सोचते है।
आमतौर पर लोग सोचते है कि उन्होंने बस मक्खन खाया, बाँसुरी बजाई और गोपियों के साथ नाचे जबकि ऐसा नहीं, कृष्ण जी ने अपनी बाल्यावस्था (6 वर्ष) तक ही मक्खन चुराया था, सोलह की उम्र में जब उनके गुरु संदीपन ने उनके जीवन के लक्ष्य के बारे में बताया तो उन्होंने तुरंत वृंदावन छोड़ दिया और कभी वापस नहीं आये।
जब हम कृष्ण का नाम लेते है तो राधे कृष्ण कहते है, राधा का नाम कृष्ण जी से हमेशा पहले लिया जाता है, राधे कृष्ण से पहले आती है क्योंकि उनका प्रेम उनकी करीबी उनकी प्रेम लीला ने इस उपमहाद्वीप की पूरी संस्कृति की कल्पना में इस तरह जगह पाई है कि हम कृष्ण-राधे नहीं कहते है राधे-कृष्ण कहते है।
सोलह साल की उम्र में कृष्ण ने राधा को आखिरी बार देखा और उसके बाद फिर कभी नहीं देखा, सोलह की उम्र में जब वो जा रहे थे तो वो बोले मैं ये बाँसुरी तुम्हारे लिए बजाता हूँ अब मैं जा रहा हूँ और वापस नहीं आऊँगा तो तुम्हें एक भेंट के रूप में मैं ये बाँसुरी तुम्हें देता हूँ और मैं अब बाँसुरी कभी नहीं बजाऊँगा।
उसके बाद उन्होंने बाँसुरी नहीं बजाई… उसके बाद राधा ने बाँसुरी बजाई, 16 से 21 के उम्र तक उन्होंने ब्रम्हाचरी की तरह जीवन बिताया उसके बाद उनका बाकी जीवन राजनीतिक प्रक्रिया और अध्यात्मिक प्रक्रिया का मिलन कराने के लिए था, भारत के उत्तरी इलाकों में उन्होंने एक हजार से ज्यादा आश्रम बनाए।
क्योंकि वो आध्यात्मिक प्रक्रिया को अलग नहीं बनाना चाहते थे इसे जीवन का एक हिस्सा बनाना चाहते थे इसे जीवन की मुख्य धारा में लाना चाहते थे, विशेष रूप से उस समय देशों के शशकों के जीवन में, उस समय उन देशों के शाशक जो मिलकर भारत बनाते थे।
उनका उद्देश्य था उस समय की राजनीतिक प्रक्रिया को अध्यतामिक बनाना इस बात से यह साफ है कि उन दिनों की राजनीतिक प्रक्रिया लोकतांत्रिक नहीं थी।
उन्होंने सोचा सबसे जरूरी चीज है कि राजाओं तक अध्यात्म पहुंचे और इसका फायदा स्वाभाविक रूप से लोगों को मिलेगा, जो लोग दूसरों के जीवन को संभालते है, जैसे राजा या आज के समय के प्रधानमंत्री, या किसी कंपनी के CEO जिनके नीचे लाखों लोग काम करतेहै।
जब आपके ऊपर ऐसी जिम्मेदारी है तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अच्छी स्थिति में हो आप क्या सोचते है क्या महसूस करते है वो एक ऐसे भीतरी स्थान से आना चाहिए जो लोगों की खुशहाली के लिए काम करे।
अगर मैं एक सीमित नजरिए से जीवन को देखता हूँ तो हर विचार जो मैं पैदा करता हूँ हर भावना जो मेरे अंदर है, उससे लोगों का जीवन बर्बाद होगा, वो काम जो मैं करता हूँ और विशेष रूप से वो काम जो मैं नहीं करता और मुझे करने चाहिए उनसे लोगों के जीवन में जबरदस्त नुकसान होगा।
तो उन्होंने सिर्फ शाशकों पर ध्यान दिया वो चाहते थे कि उस समय के राजा आध्यात्मिक हो जाएं, दुर्भाग्य से इसका अंत तबाही के साथ हुआ, कुरुक्षेत्र की एक भयंकर तबाही, एक भयंकर युद्ध जिसमें पुरुषों की एक पूरी पीढ़ी खत्म हो गयी।
लेकिन फिर भी हम उनकी पूजा करते है, हर वो चीज जो वो रचना चाहते थे, वो असफल हो गयी कुरुक्षेत्र युद्ध के साथ एक चीज जो उन्होंने हर हाल में रोकने की कोशिश की थी वो था ये युद्ध लेकिन सबसे भयंकर ये युद्ध हुआ और वो खुद, उनके परिजन आपस में लड़े और एक-दूसरे को मारा।
फिर भी हम उनकी पूजा करते है, क्योंकि इस सबके बीच वो वो आनंदित थे वो अछूते थे, एक भयंकर सच्चाई, भयंकर नाटक से जो उनके आसपास हो रहा था, फिर भी अछूते।
इसीलिए हम उन्हें भगवान कहते है, आप दुनिया में सबसे सफल बनेंगे या नहीं यह कई सच्चाईयों पर निर्भर करता है, आप अपना जीवन जागरूक होकर चला सकते है या जीवन जब आपको परेशान करेगा तो आप एक जानवर बन जाएंगे।
“अगर आप किसी को सदा सदा के लिए खोना नहीं चाहते है, तो समय-समय पर उससे दूरी बनाए रखना आवश्यक होता है।”
“जब हम अकेले हों तब अपने विचारों को संभालें, और जब हम सबके बीच हों तब अपने शब्दों को संभालें..!”
“बुद्धिमान इंसान” आपका दिमाग खोलता है, “सुंदर इंसान”आपकी आँखें खोलता है, लेकिन आपसे दिल से… ”प्यार करनेवाला इंसान” हृदय खोल देता हैं।”
“रिश्तों की माला जब टूटती हैं, तो दोबारा जोड़ने से छोटी हो जाती हैं, क्योंकि कुछ जज़्बातों के मोती बिखर ही जाते हैं।”
पार्थ एक बात हमेशा याद रखना कि “ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले अक्सर थक ही जाते हैं…। फिर चाहे, वो बोझ सामान का हो या अभिमान का।”
“किसी की मीठी बातें ओर चालाकी को अपनी सूझबूझ पर हावी न होने दें धोखे की ख़ासियत यहीं है ये यकीन के साथ मुफ़्त मिलता है..!”
“मनुष्य को जीवन में श्रेष्ठ बनने का प्रयास जरूर करना चाहिए और यदि असफल भी हो तो जीवन में हमेशा उत्तम ही रहना चाहिए।”
“दर्पण – झूठ नहीं बोलने देता, ज्ञान – भयभीत नहीं होने देता, अध्यात्म – मोह नहीं होने देता, सत्य – कमजोर नहीं होने देता, प्रेम – ईर्ष्या नहीं करने देता, विश्वास दुखी नहीं होने देता, कर्म – असफल नहीं होने देता”
“एक तरफ साँवले कृष्ण और दूसरी तरफ राधिका गोरी, दोनों एक-दूसरे से ऐसे मिल गए जैसे चांद चकोरी।”
“प्रेम वो नहीं जो इजहार किया जाए, प्रेम वो है जो महसूस किया जाए, प्रेम वो नहीं जो किसी से पाया जाए… प्रेम वो है जो एक दूसरे के साथ जिया जाए।”
Krishna-Meerabai Quotes –
श्री कृष्ण की अनन्य भक्त “मीराबाई” का जन्म सन 1498 में राजस्थान के एक राजपूत घराने में हुआ था, इनके पिता और माता का नाम क्रमशः “रतन सिंह” और “वीर कुमारी” था।
मीरा कृष्ण की बहुत बड़ी भक्त थीं, जब मीरा चार वर्ष की थी तब उन्होंने अपने घर के पास हो रहे विवाह को देखकर बड़ी ही मासूम शब्दों में पूछा कि माँ मेरा दूल्हा कौन होगा?
इसपर उनकी माँ ने जवाब देते हुए श्री कृष की मूर्ति की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मेरी प्यारी मीरा, “श्री कृष्ण” ही तुम्हारे वर होंगे।
जैसे-जैसे मीरा बड़ी हुई माँ की काही हुई ये बात उनके मन में घर कर गयी, उनको ये विश्वास था कि श्री कृष्ण उनसे जरूर शादी करने आयेंगे।
लेकिन मीरा की शादी मेवाड़ के महाराणा संग के बेटे राणा सांगा से हुई, मीरा यह विवाह नहीं करना चाहती थी, लेकिन परिवार के जोर देने पर उनको यह विवाह करना पड़ा।
शादी के बाद भी कृष के प्रति, प्रेम कम नहीं हुआ, विदाई के समय कृष्ण की मूर्ति साथ लेकर गईं, ससुराल में सारे कामकाज कर करने के बाद वह रोजाना कृष्ण मंदिर जाया करती थीं, वहाँ भजन गाती और नृत्य भी करती थी।
कृष्ण के पटरी यह प्रेम ससुराल वालों को बिल्कुल भी पसंद नहीं था, उनकी सास ने मीरा को माँ दुर्गा की आराधना करने पर जोर दिया, लेकिन मीरा ने साफ कह दिया कि मैं कृष्ण के नाम ये जीवन कर चुकी हूँ।
कुछ सालों बाद परिवार से बढ़ते भेदभाव और अत्याचार के चलते वे वृंदावन आईं और यहाँ कुछ दिन व्यतीत करने के बाद फिर मेवाड़ लौट गईं।
लोगोब में ऐसी मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर कृष्ण के मंदिर में मीरा श्री कृष्ण से मीरा कहती है कि “ओ गिरधारी क्या आप मुझे बुला रहे है?”
मीरा को ये कहते देखकर वहाँ मौजूद सभी लोग हैरान रह जाते है, कृष्ण को पुकारते ही एक प्रकाश उत्पन्न हुआ और मंदिर के दरवाजे खुद से बंद हो गए।
जब दरवाजे खुलते है तो मीरा की साड़ी श्री कृष्ण जी की मूर्ति से लिपटी हुई होती है, लेकिन मीरा नहीं होती और सिर्फ मीरा और उनकी बाँसुरी की आवाज सुनाई देती है, माना जाता है कि मीरा श्री कृष्ण की मूर्ति में ही समा गयी।
“हे कान्हा मुझे समझ नहीं आता कि तुम दर्द दे रहे हो या ख़ुशी, ये मुझे नहीं मालूम लेकिन तुम्हे याद करते ही मेरी आँखों में आंसू आ जाता है और होंठो पे मुस्कान।”
“श्री कृष्ण कहते थे प्रेम का अर्थ किसी को केवल पाना नहीं, किन्तु उसमे खो जाना है, खुद को समर्पण कर देना है।”
“हे मेरे कान्हा… पलकों पर आ रुका है समुन्दर खुमार का, कितना अजब नशा है प्यार में डूबकर तेरे इंतज़ार का।”
“किसी की सूरत बदल गई तो किसी की नियत बदल गई, कान्हा जब से तूमने पकड़ा मेरा हाथ मेरी तो किस्मत ही बदल गई।”
“यूं तो प्रेम करने का दावा बहुत लोग करते है… मगर प्रेम की शक्ति उन्हें प्राप्त होती है, जो लोग बिना किसी भय या डर के प्रेम निभाने का साहस रखते हैं।”
“बहुत ही खूबसूरत है मेरे ख्यालों की ये दुनिया, बस कृष्ण से शुरू और कृष्ण पर ही आकर खत्म।”
“स्वर्ग में भी ना मिले जो वो सुख कान्हा तेरे धाम में है, चाहे कितनी भी बड़ी विपत्ति हो समाधान तो बस “श्री राधे” नाम में है।”
“मेरी ये पलकें झुके और तुम्हें नमन हो जाये, ये मस्तक झुके और वंदन हो जाये, ऐसे नज़र कहा से लाऊ कान्हा की तुझे याद करू और तेरे दर्शन हो जाये।”
“हे कान्हा फर्क बस इतना सा ही है हम दोनों की तन्हाई में… तुम्हारे पास तो फिर भी तुम मौजूद हो…. मेरे पास तो में भी नहीं हूँ।”
“प्रेम ही एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को कभी परास्त नहीं होने देता, और घृणा एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को कभी जीतने नहीं देता।”
श्री कृष्ण कहते हैं, किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है, और किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान !
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Summary –
तो दोस्तों, True Love Radha Krishna Quotes in Hindi के बारे में यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं और यदि इस टॉपिक से जुड़ा आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे नीचे कमेन्ट बॉक्स में लिखना न भूलें, धन्यवाद 🙂
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